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अब तक नहीं हुआ नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार, बीजेपी-जेडीयू के बीच फंसा पेंच?

नीतीश मंत्रिमंडल के गठन को लगभग डेढ़ महीना होने वाला है, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बीजेपी फैसला नहीं कर पा रही है. इस मद्दे को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम जो बीजेपी कोटे से हैं, प्रधानमंत्री से लेकर बीजेपी के शीर्ष नेताओं से भी मिल चुके हैं. इसके बावजूद अब तक बीजेपी ने मुख्यमंत्री को सूची नहीं सौंपी गई है.

bihar politics news
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Published : Jan 3, 2021, 1:20 PM IST

Updated : Jan 28, 2021, 10:22 PM IST

पटना: नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार के बने 50 दिन होने वाले हैं, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ है. जबकि सरकार बनने के 15 दिनों बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार की बात कही गयी थी. नीतीश कुमार के साथ 14 मंत्रियों ने शपथ लिया था. उसमें से भ्रष्टाचार के कारण एक मंत्री मेवालाल को इस्तीफा देना पड़ा था. अब कई मंत्री के पास 5 से 6 विभाग हैं. और सरकार के कामकाज पर काफी असर पड़ रहा है. किसे मंत्री बनाना है, इस पर बीजेपी के अंदर घमासान चल रहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता भी कह रहे हैं कि मंत्रीमंडल विस्तार में देरी हो रही है. वहीं जदयू का कहना है कि फैसला बीजेपी को ही करना है.

'काफी समय हो गया. मेरा मानना है अब मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाना चाहिए इससे राज्य के विकास को भी रफ्तार मिलेगा. पार्टी के नेताओं का प्रयास होगा कि जल्द से जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाय. बीजेपी में इसे लेकर कोई द्वंद नहीं है. जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा.'-प्रेम कुमार,पूर्व मंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता

अब मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाना चाहिए

मंत्रिमंडल के विस्तार में हो रही देरी
नीतीश सरकार बनने के 15 दिनों बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार की बात कही गयी थी. जो अब तक नहीं हो सका. बीजेपी मंत्रियों के नाम पर अब तक फैसला नहीं ले सकी है. सुशील मोदी को सरकार से बाहर करने के बाद भी बीजेपी के सामने कई बड़ी समस्या है. इस बार बीजेपी को 74 सीट मिले हैं और मंत्री बनने के कई दावेदार हैं. पुराने मंत्रियों में नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, प्रमोद कुमार के साथ अन्य मंत्रियों ने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है. शायद बीजेपी इसी कारण बड़ा फैसला नहीं ले पा रही है. बीजेपी को डर है कि कहीं पार्टी में विद्रोह वाली स्थिति ना बन जाय.

देखें ये रिपोर्ट

'मुख्यमंत्री ने साफ कह दिया है कि हमारे तरफ से कोई दिक्कत नहीं है. भाजपा ने अब तक लिस्ट नहीं दिया है या उस निर्णय पर नहीं पहुंच पा रही है. नेताओं में किस प्रकार का विमर्श हो रहा है ये भाजपा का अपना विषय है. हम नहीं कह सकते कि भाजपा के अंदर द्वंद चल रहा है. हम सिर्फ इतना कह सकते हैं कि भाजपा के निर्णय का मुख्यमंत्री इंतजार कर रहे हैं.-' जय कुमार सिंह,पूर्व मंत्री व जदयू नेता

जय कुमार सिंह, पूर्व मंत्री व जदयू नेता

जेडीयू को बीजेपी की सूची का इंतजार
नीतीश कुमार ने पिछले दिनों कहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर फैसला बीजेपी को करना है, अब तक सूची नहीं मिली है. जदयू के पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह भी कह रहे हैं कि फैसला बीजेपी को ही करना है. इसमें जदयू का कहीं कोई लेना देना नहीं है. बीजेपी और जदयू के नेता यह बताने की स्थिति में नहीं है कि मंत्रिमंडल का विस्तार कब तक होगा. लेकिन फिलहाल कहा जा रहा है कि 36 मंत्री बनाया जा सकता है और बड़ा हिस्सा बीजेपी का ही होगा.

'मंत्रिमंडल का विस्तार करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. चार दल हैं और चारों से विचार विमर्श करके ही कोई निष्कर्ष निकाला जायेगा. बीजेपी की तरफ से कोई अड़ंगा नहीं है. नीतीश कुमार, एनडीए का नेतृत्व कर रहे हैं. उनके नेतृत्व में बिहार के बेहतरी के लिए काम किया जा रहा है.'-संजय टाइगर,प्रवक्ता, बीजेपी

संजय टाइगर, प्रवक्ता, बीजेपी

क्या मंत्री बनने के लिए बीजेपी में घमासान ?
अभी नीतीश कुमार के साथ जदयू खेमे से पांच मंत्री हैं तो वहीं बीजेपी के तरफ से सात मंत्री और हम के साथ वीआईपी से 1-1 मंत्री बने हैं. नीतीश कुमार की तरफ से मंत्रिमंडल में बीजेपी और जदयू के बीच 50-50% की भागीदारी की दावेदारी भी हो रही है. लेकिन इस बार विधानसभा सीटों के लिहाज से बीजेपी के 74 के मुकाबले जेडीयू की 43 सीटें हैं, 31 सीट बीजेपी की अधिक है. ऐसे में मंत्रिमंडल में बीजेपी अधिक भागीदारी की बात कह रही है. यह भी एक बड़ा पेंच हैं. लेकिन इससे भी अधिक बीजेपी के अंदर खाने भी मंत्री बनने को लेकर घमासान है. पार्टी में कौन मंत्री बनेगा इस पर फैसला नहीं हो पा रहा है. पुराने मंत्रियों को फिर से रिपीट किया जाए कि नहीं इस पर भी अभी सस्पेंस बना हुआ है.

मंत्रिमंडल के विस्तार में हो रही देरी

एमएलसी सीटों पर भी बीजेपी नहीं कर पा रही फैसला
मंत्रिमंडल विस्तार ही नहीं बीजेपी एमएलसी सीटों को लेकर भी फैसला नहीं कर पा रही है. संगठन से लेकर पार्टी के कई नेता राज्यपाल कोटे से भरे जाने वाले एमएलसी सीटों पर दावेदारी कर रहे हैं. और यही बीजेपी के लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब है. नीतीश कुमार चाह कर भी मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर राज्यपाल कोटे से भरे जाने वाले एमएलसी सीट को लेकर लाचार दिख रहे हैं.

खरमास भी एक वजह
नये साल का आगाज हो चुका है. राजनीतिक जानकार और विशेषज्ञ के अनुसार इसे बहुत हद तक खरमास तक ही टाला जा सकता है. क्योंकि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. ऐसे में मंत्रिमंडल का विस्तार लग रहा है कि अब खरमास के बाद हो सकता है. लेकिन खरमास के बाद भी अगर बीजेपी फैसला नहीं करती है तो पार्टी के अंदर नाराजगी बढ़ सकती है.

Last Updated : Jan 28, 2021, 10:22 PM IST

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