पटना:पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदीने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा (Sushil Kumar Modi Target CM Nitish Kumar) है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के समय जिन नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, उन्हीं के नियुक्ति पत्र बांट कर नीतीश कुमार युवाओं को धोखा दे रहे हैं. जबकि महागठबंधन सरकार ने कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था. उन्होंने कहा कि अब तक कैबिनेट की दो दर्जन से ज्यादा बैठकें हो चुकी लेकिन 10 लाख स्थायी नौकरी का कहीं अता-पता नहीं है. आगे कहा कि 4.5 लाख रिक्त पद भरने और 5.5 लाख नए पदों पर नौकरी देने की जो बात बार-बार प्रचारित की गई उसका क्या हुआ?. सरकार बताये कि कितने रिक्त पद भरे गए और कितनी नई नियुक्तियां हुईं?
ये भी पढ़ें-तेजप्रताप ने विभाग के 53 कर्मचारियों को बांटा नियुक्ति पत्र, बोले- 'गुलाब नहीं पौधे देकर करें स्वागत'
'महागठबंधन ने संविदा पर बहाली बंद करने और पहले से संविदा पर बहाल लोगों की नौकरी स्थायी करने का वादा किया था जबकि किसी की नौकरी स्थायी नहीं की गई. जब संविदा पर नियुक्ति नहीं करनी थी, तब अमीन और कानूनगो के पद पर 10 हजार लोगों को संविदा पर मात्र एक साल के लिए नियुक्त करने की प्रक्रिया कैसे शुरू की गई?. एक साल बाद इनका क्या होगा?. जो सरकार 4 लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को 2 माह से वेतन नहीं दे पा रही है. और विश्वविद्यालय शिक्षकों को महीनों से वेतन-पेंशन का इंतजार करना पड़ रहा है, वह सरकार 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी कैसे दे पाएगी?.
नियुक्ति पत्र बांटने की नौटंकी करने से ज्यादा जरूरी है, शिक्षकों को वेतन देना ताकि वे दिवाली और छठ जैसे महापर्व मना सकें.'- सुशील मोदी, बीजेपी राज्यसभा सांसद
9469 स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्ति पत्र :गौरतलब है कि 21 अक्टूबर कोमुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy CM Tejashwi Yadav) स्वास्थ्य विभाग में चयनित 9469 स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया था. स्वास्थ्य विभाग के तहत संचालित राज्य स्वास्थ्य समिति के माध्यम से नियुक्त होने वाले स्वास्थ्य कर्मियों में 8500 एएनएम 580 स्वास्थ्य समन्वयक सहित प्रखंड सामुदायिक मोबिलाइजर प्रखंड अकाउंट मैनेजर सहित विभिन्न पद के लिए चयनित कर्मी शामिल हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सभी कर्मियों की संविदा के आधार पर नियुक्ति की गई है.