पटनाःबिहार में आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इसको लेकर कोर्ट में याचिका दायरकी गई है. इसको लेकर भाजपा की ओर कई आरोप लगाए जा रहे हैं. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कांग्रेस और राजद पर साजिश करने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस और राजद पर लगाया आरोपः सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा ने बिहार में जातीय सर्वे कराने से लेकर आरक्षण की सीमा बढाने वाले विधेयक तक हर स्तर पर समर्थन किया, लेकिन पार्टी को बदनाम करने की साजिश के तहत राजद-कांग्रेस ने आरक्षण सीमा बढाने के विरुद्ध हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करा दी. इसका हश्र सबको पता है.
'आरक्षण विरोधी है कांग्रेस':मोदी ने कांग्रेस के पिछले कार्यकाल पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि देश पर 55 साल राज करने वाली कांग्रेस ने काका कालेकर समिति से मंडल आयोग तक हमेशा पिछड़ों-दलितों के आरक्षण का विरोध किया. राजद ने 2001 में पिछड़ों को आरक्षण दिये बिना बिहार में पंचायत चुनाव कराया था. पंचायतों में पिछड़ों को आरक्षण तब मिला जब भाजपा और सहयोगी दलों की सरकार बनी.
'केंद्र के काम का अनुसरण बिहार में हुआ': उन्होंने कहा कि जब बिहार की कर्पूरी ठाकुर सरकार ने पिछड़े वर्गों को नौकरी में पहली बार 27 फीसद आरक्षण दिया था तब कांग्रेस सत्ता से बाहर थी और जनसंघ सरकार में शामिल थी. पिछड़े और गरीब परिवार से आने वाले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण देने के लिए आरक्षण की 50 फीसद की अधिकतम सीमा तोड़ कर जो रास्ता दिखाया, बिहार ने उसी का अनुसरण किया है.
'कांग्रेस और राजद को बर्दाश्त नहीं':सुशील मोदी ने कहा कि गरीब पिछड़े और वंचित वर्गों के साथ खड़ी भाजपा को राजद और कांग्रेस के लोग बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं. इसलिए वे कोर्ट-कचहरी के जरिए राजनीति करते हैं. नीतीश कुमार का यह कहना सही है कि 2005 के पहले दलितों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता था. राजद सरकार के समय लक्ष्मणपुर बाथे, बथानी टोला जैसे दर्जन भर बड़े नरसंहार हुए, लेकिन आज राजद दलितों की हितैषी बन रहा है.
बिहार में 65% आरक्षण को पटना हाईकोर्ट में चुनौती, याचिकाकर्ता ने कहा- 'ये मौलिक अधिकारों का उल्लंघन'
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