पटना: लोक आस्था के महापर्वचैती छठ की शुरुआत हो गई है चार दिवसीय महापर्व नहाय खाय के साथ शुरू होने के बाद आज दूसरे दिन लोहंदा के दिन छठ व्रती खीर रोटी प्रसाद बनाकर भगवान भाष्कर के भोग के बाद प्रसाद ग्रहण करेंगे. वहीं, बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण बिहार सरकार की ओर से छठ व्रत के मद्देनजर मंदिर के गेट को छठ व्रतियों के लिए पूर्णत: बंद कर दिया है. जिसके कारण छठव्रतियों में मायूसी छायी हुई है.
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मंदिर गेट में लगा ताला
राजधानी से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित द्वापरकालीन उलार्क सूर्य मंदिर पटना औरंगाबाद स्टेट हाइवे 2 पर अवस्थित है. इसका वर्णन महापुराण में भी किया गया है. यहां साल में दो बार काफी छठव्रतियों की भीड़ उमड़ती है. कार्तिक माह और चैत माह में राज्य और दूसरे प्रदेशों से काफी संख्या में छठव्रती यहां अपने पूर्ण मनीता उतारने के लिए आते हैं. लेकिन बढ़ते कोरोना संक्रमण के खतरे के मद्देनजर जिला प्रशासन ने मंदिर गेट में तालाबंदी करवाकर भीड़ लगाने पर पूर्णता प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं, प्रशासन के प्रतिबंध के बावजूद आस्था पर भरोसा कर छठव्रति मंदिर पोखर पर पहुंचने लगे हैं.
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"जिला प्रशासन के निर्देश के बाद अनुमंडल प्रशासन ने मंदिर में प्रवेश पर पूर्णता प्रतिबंध लगा दिया है. इसके पूर्व में भी कोरोना संकट के कारण प्रतिबंध लगाया गया था. फिर भी छठव्रती काफी संख्या में आकर भगवान भाष्कर को अर्घ्य अर्पित कर रहे हैं. वहीं, इस बार भी प्रशासन के रोक के बाद भीड़ जुटने की संभावना है."-श्री श्री अवध बिहारी दास, प्रधान महंत
कोरोना पर आस्था भारी
पटना से आये छठव्रती ने बताया कि प्रशासन की ओर से सभी मंदिरों को बंद कराया गया है. लेकिन कोरोना पर आस्था भारी पड़ रहा है. प्रतिबंध के बावजूद छठ व्रती अपने पुत्र और पति के मनीता उतारने के लिए उलार्क सूर्य मंदिर पोखर पर डेरा जमाये हुए हैं. उन्होंने कहा कि किसी तरह पोखर पर रहकर ही भगवान भाष्कर को अर्घ्य अर्पित करेंगे.