पटना: बिहार में इथेनॉल पॉलिसी लॉन्च होने के बाद से काफी संख्या में इथेनॉल इकाई लगाने के लिए निवेशक बिहार पहुंच रहे हैं. जिससे गन्ना के तरफ भी निवेशकों का रुझान बढ़ रहा है. विभाग के माध्यम से इस वर्ष गन्ना के उत्पादन को बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है.
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काफी संख्या में निवेशक आ रहे बिहार
गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार ने ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि इथेनॉल पॉलिसी बिहार में (Ethanol Policy In Bihar) आने से बिहार में निवेशक उद्योग लगाने के लिए काफी संख्या में आ रहे हैं. उनका रुझान गन्ना के तरफ भी बढ़ा है क्योंकि गन्ना से भी इथेनॉल बनाया जा सकता है.
3 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेतीवर्तमान समय में बिहार में 3 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती है. जिसे 1 लाख हेक्टेयर बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. विभाग और सरकार का प्रयास है कि इस वर्ष 4 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की जाए. जिससे इथेनॉल उत्पादन में भी सहायता मिले और गन्ना उद्योग से जुड़े किसानों को भी लाभ मिल सके. इसके लिए विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया गया है.
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इथेनॉल से बढ़ेगा गन्ना उत्पादन
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण थोड़ी समस्या जरूर उत्पन्न हुई थी लेकिन अब चीजें सामान्य हो गई है. जिससे अब कार्य काफी तेजी से होगा. मंत्री ने बताया कि जब इथेनॉल की इकाई लगेंगी तो गन्ना उत्पादन बढ़ेगा. जिसका लाभ चीनी मिलों को भी मिलेगा. जो भी बंद चीनी मिले हैं, उनके लिए इन्वेस्टर आकर चालू करेंगे.
'सरकार का लक्ष्य है कि इथेनॉल और गन्ना उत्पादन का बढ़ाना है. 3 लाख हेक्टेयर में गन्ना का खेती बिहार में होता है. इस साल एक लाख हेक्टयर और ज्यादा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस संबंध में सभी ईख विकास पदाधिकारी लगे हुए हैं. इस कार्य को आगे पढ़ाने के लिए हम सभी लोग कार्यरत हैं.' -प्रमोद कुमार, मंत्री, गन्ना उद्योग विभाग