पटना: केंद्र सरकार से परमिशन मिलने के बाद कोटा में रहे छात्रों का बिहार आने का सिलसिला शुरू हो गया है. मंगलवार को कोटा से 1200 छात्र-छात्राएं पटना पहुंचे. सभी छात्रों को दानापुर स्टेशन उतरते ही सभी की स्क्रीनिंग की गई. जिन छात्रों में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए उन्हें होम क्वारेंटाइन पर रहने को कहा गया. इसके लिए उनसे शपथ भराया गया.
1200 छात्र कोटा से पहुंचे पटना, सभी को भेजा गया होम क्वारेंटाइन
राजस्थान के कोटा से लौट रहे छात्र-छात्राएं बिहार आ चुके हैं. मंगलवार को उनके यहां आते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनकी जांच कर फौरन होम क्वारेंटाइन के लिए भेज दिया.
पटना के सिविल सर्जन डॉक्टर राजकिशोर चौधरी ने बताया कि मंगलवार के दिन 1200 छात्र-छात्राएं स्पेशल ट्रेन से पटना पहुंचे. सभी पटना जिला के ही विद्यार्थी हैं. उन्होंने बताया कि सभी को होम क्वारेंटाइन का शपथ पत्र भरा कर भेज दिया गया. सिविल सर्जन ने बताया कि सरकार की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई थी कि अगर घर में एक बाथरूम और एक रूम आइसोलेट किया जा सकता है तो छात्र-छात्राओं को क्वारेंटाइन के लिए घर भेज दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि एडवाइजरी में यह भी लिखा था कि अगर कोई कोरोना वायरस के पॉजिटिव छात्र हैं और उनमें किसी प्रकार का लक्षण नहीं है तो उसे भी होम क्वारेंटाइन के लिए घर भेज दिया जाए. लेकिन जितने भी छात्र-छात्राएं आए हैं. उनमें किसी में भी शिकायत नहीं मिली है.
ब्लॉक स्तर पर की गई व्यवस्था
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि जो प्रवासी मजदूर बिहार लौटे हैं. उनके लिए ब्लॉक स्तर पर क्वारेंटाइन करने की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि अगर मजदूरों में फ्लू के संबंधी शिकायतें आती हैं तो वह उसे स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करने से कतराते हैं. लेकिन जो छात्र हैं, वह शिक्षित हैं. सिविल सर्जन ने आगे कहा कि उनके परिवार में भी शिक्षा का माहौल है. ऐसे में अगर किसी छात्र में फ्लू के लक्षण मिलते हैं, तो वह हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दे देते हैं. इसलिए उन्हें होम क्वारेंटाइन के लिए भेजा गया है.