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Patna News: हॉस्टल खाली कराने पर छात्रों का छलका दर्द, बोले- किसी और की गलती की सजा निर्दोष भुगत रहे.. - पटना कॉलेज के हॉस्टल बंद

बीते दिनों पटना कॉलेज कैंपस में हुए हॉस्टल के छात्रों के बीच मारपीट और बमबाजी की घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने पटना कॉलेज के सभी हॉस्टल को पूरी तरह खाली करा दिया है. सभी हॉस्टल गेट पर प्रशासन ने सीलबंद ताला जड़ दिया है. ऐसे में हॉस्टल में रहने वाले छात्र नए आश्रय ढूंढने के लिए परेशान हैं.

vacating hostels of Patna College
vacating hostels of Patna College

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Published : Jul 18, 2023, 5:55 PM IST

हॉस्टल बंद होने से छात्र परेशान

पटना:13 जुलाई 2023 को पटना कॉलेज में पार्ट-1 के छात्रों का मीट चल रहा था. इसी दौरान दो हॉस्टल के छात्रों के बीच बमबारी शुरू हो गई. बमबाजी और मारपीट की घटना के बाद 17 जुलाई (सोमवार) को हॉस्टल खाली कराकर बंद कर दिया गया है. ऐसे में छात्रों को काफी परेशानी हो रही है. उनके किताब कॉपी, कपड़ा, खाने का सामान, पैसा इत्यादि सभी उनके हॉस्टल के कमरे में ही बंद है जिसपर प्रशासन का सीलबंद ताला लगा हुआ है.

हॉस्टल बंद होने से छात्र परेशान: मंगलवार को पटना कॉलेज के मिंटो हॉस्टल के बाहर काफी संख्या में हॉस्टल के छात्र खड़े नजर आए. उनमें से ऋषि कुमार ने बताया कि जैक्सन हॉस्टल और इकबाल हॉस्टल के छात्रों के बीच मारपीट हुई जिसके बाद बाहरी लड़कों ने आकर हॉस्टल के 2 छात्रों के पैर में गोली मार दी और इसकी सजा हॉस्टल के सभी निर्दोष छात्र भुगत रहे हैं.

"24 घंटे के अंदर हॉस्टल खाली करने का समय दिया गया और इतनी जल्दी में हमें कमरा नहीं मिला. रविवार को आदेश की जानकारी मिली और सोमवार को सुबह कॉलेज में क्लास करके हॉस्टल पहुंचे तो जिला प्रशासन की कार्रवाई चल रही थी. सभी सामान कपड़ा, किताब कमरे में बंद हैं. बाहर पूरी रात नदी किनारे घाट पर सो कर बिताए हैं. ग्रेजुएशन फाइनल ईयर में हैं और सबसे अधिक परेशानी सेकंड ईयर और फर्स्ट ईयर के छात्रों को हो रही है."- ऋषि कुमार, छात्र

छात्रों को सामान निकालने का भी नहीं मिला मौका: पटना कॉलेज के सेकंड ईयर के छात्र आशीष कुमार ने बताया कि वह कल शाम से ही इधर-उधर भटक रहे हैं. कहीं रहने का ठिकाना नहीं मिल रहा है. वह बांका जिले के रहने वाले हैं और गरीब परिवार से आते हैं. मिंटों हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करते थे जहां पर सालाना ₹3000 उनका लगता था और अब बाहर कहीं रूम खोजने जा रहे हैं तो 4000 से ₹5000 की डिमांड हो रही है.

मारपीट और बमबाजी के बाद जैक्सन हॉस्टल भी बंद

"कॉलेज प्रशासन ने बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के हॉस्टल छीन लिया. इतने कम समय में हमसे हॉस्टल खाली कराया गया है कि सभी किताब और कपड़े हॉस्टल के कमरे में बंद हैं. सोमवार सुबह से जो शरीर पर कपड़ा पहने हुए हैं. वही अब तक पहने हुए हैं. पसीना से भीगने के कारण कपड़े से बदबू आ रही है, लेकिन सारा कपड़ा कमरे में बंद है. हॉस्टल के गेट पर सीलबंद ताला लगा हुआ है. हम काफी परेशान हैं."- आशीष कुमार, छात्र

विश्वविद्यालय प्रबंधन से वैकल्पिक व्यवस्था की मांग: पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव विपुल कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के छात्रों को हॉस्टल खाली कराकर छात्रों को रोड पर ला दिया है. विश्वविद्यालय प्रशासन को हॉस्टल के बाहर सुरक्षा के इंतजाम करने चाहिए. सीसीटीवी कैमरे की निगरानी होनी चाहिए कि कौन असामाजिक तत्व असामाजिक गतिविधियों में लिप्त हैं.

"बिहार के सुदूर इलाकों से गरीब बच्चे बड़ी उम्मीदों से पटना कॉलेज में पढ़ने आते हैं और हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करते हैं. उन पर काफी आर्थिक बोझ पड़ गया है. कुछ उपद्रवी तत्वों की गलतियों के कारण सभी छात्रों को हॉस्टल खाली करवाने की कार्रवाई करना निंदनीय है. हम विश्वविद्यालय प्रबंधन से मांग करते हैं कि पटना कॉलेज के विभिन्न हॉस्टल में पढ़ने वाले तमाम छात्रों के रहने के लिए जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए."-विपुल कुमार,महासचिव,पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ

रविवार को आदेश के बाद सोमवार को सील किए गए हॉस्टल

प्रॉक्टर ने कही ये बात: वहीं इस पूरे प्रकरण पर पटना विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर रजनीश कुमार ने बताया कि छात्रों को शनिवार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया और सोमवार को उनका हॉस्टल खाली कराया गया. छात्रों के पास अपना सामान निकालने के लिए पर्याप्त समय था. इसके बावजूद यदि छात्रों के किताब कॉपी कपड़े इत्यादि सामान कमरे में रह गए हैं तो सभी छात्र एकजुट होकर उनके पास आए और 1 दिन निर्धारित करें.

"उस दिन कुछ समय के लिए हम जिला प्रशासन से अनुरोध कर के हॉस्टल खुलवा देंगे और निर्धारित अवधि के दौरान सभी छात्र अपने सामान को निकाल सकते हैं. सभी हॉस्टल्स में जिला प्रशासन ने सीलबंद ताला लगाया है. ऐसे में रोज-रोज इसे खोलना और बच्चों का सामान निकलवाना संभव नहीं है."-प्रोफेसर रजनीश कुमार, प्रॉक्टर, पटना विश्वविद्यालय

पूरा मामला: 13 जुलाई को इंडक्शन मीट था और हजारों की तादाद में स्कूलों से निकलकर छात्र पहली बार कॉलेज में क्लास करने पहुंचे थे. तभी जिस प्रकार कॉलेज में जो घटनाक्रम हुआ उससे छात्र छात्राओं के मन में विश्वविद्यालय के प्रति गलत इंप्रेशन बना है. उनमें डर बैठ गया है. कॉलेज जाकर पढ़ने से हिचक रहे हैं. ऐसे में कॉलेज प्रशासन को इतना सख्त कदम उठाना पड़ा है कि कॉलेज में एक बार फिर से जल्द से जल्द शैक्षणिक माहौल तैयार हो.

प्रॉक्टर रजनीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की प्राथमिकता है कि विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में शैक्षणिक माहौल बने. हाल के दिनों में कॉलेज कैंपस आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बनने लगा था और आए दिन गोलीबारी और बमबाजी की घटनाएं सामने आ रहे थे. बाहर से पढ़ने आने वाले छात्रों के बीच डर का माहौल बन गया था.

रविवार को आया हॉस्टल बंद करने का आदेश: कॉलेज के हॉस्टल में कुछ गुट हॉस्टल को वर्चस्व का अड्डा बनाए हुए थे. ऐसे में असामाजिक प्रवृत्ति वाले छात्र हॉस्टल के छात्रों को भी पढ़ने नहीं देते थे और असामाजिक गतिविधियों में जबरन उन्हें लिप्त करते थे. आए दिन इस प्रकार की हो रही घटनाओं से निपटने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने हॉस्टल को बंद करने का निर्णय लिया और इसके लिए कॉलेज को पत्र भेजा.

मिंटो, जैक्सन, इकबाल हॉस्टल बंद: कॉलेज की तरफ से पत्र का जवाब मिला कि शैक्षणिक माहौल कॉलेज कैंपस में कायम करने के लिए हॉस्टल को बंद करना जरूरी है तो इसे किया जाए. जिसके बाद जिला प्रशासन के सहयोग से हॉस्टल खाली करा लिया गया है. मिंटो, जैक्सन, इकबाल सभी हॉस्टल जो पटना कॉलेज से संबंधित हैं, उन्हें खाली करा लिया गया है. कॉलेज प्रशासन जल्द ही हॉस्टल में रहने वाले सभी छात्रों के अभिभावकों को कॉलेज बुलाकर उनसे वार्ता करने की तैयारी में है.

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