पटनाःरेलवे द्वारा जारी ग्रुप डी के रिजल्ट में गड़बड़ी, सीबीटी-2 परीक्षा रद्द करने, अभ्यर्थियों पर किए गए लाठीचार्ज सहित अन्य मुद्दों को लेकर छात्र एकजुट हो गए हैं. इसे लेकर छात्र संगठन आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा ने गणतंत्र दिवस पर तिरंगा मार्च निकालने और 28 जनवरी को बिहार बंद (Bihar bandh Regarding RRB-NTPC Result) करने का आह्वान किया है.
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छात्रों का कहना है कि अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किए गए, आंसू गैस के गोले छोड़े गए, सैकड़ों छात्रों पर मुकदमा दर्ज किया गया और उनकी गिरफ्तारी की कई है, जो मोदी सरकार का तुगलकी फरमान है. रेलवे की नौकरियों को खत्म कर उसे प्राइवेट सेक्टर के हवाले करने का भी मुद्दा छात्रों ने उठाया है.
छात्र संगठन ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर ‘हम हैं इसके मालिक - हिंदुस्तान हमारा’, ‘हमारा देश-हमारी रेल-हमारा रोजगार-हमारा अधिकार’ और ‘हकमारी और दमन क्यों? मोदी-नीतीश जवाब दो’, नारे के साथ पूरे राज्य में युवाओं से तिरंगा मार्च में शामिल होकर छात्र-युवा अधिकारों और गणतंत्र की रक्षा करने का आह्वान भी किया है.
इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विधायक मनोज मंजिल, आइसा के महासचिव व विधायक संदीप सौरभ, इनौस के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक अजीत कुशवाहा, इनौस के राज्य अध्यक्ष आफताब आलम, आइसा के राज्य अध्यक्ष विकास यादव, इनौस के राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन व आइसा के राज्य सचिव सबीर कुमार ने सरकार की नीतियों के खिलाफ छात्रों को एकजुट होने का आह्वान किया है.
मोदी सरकार के हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा सहित बिहार की एनडीए सरकार के 19 लाख रोजगार देने के वादे भी प्रमुख मुद्दा हैं. इन्होंने सवाल उठाया है कि वादा करने के बाद से सरकारों ने युवाओं के लिए अब तक क्या किया है.
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छात्रा-युवा नेताओं ने कहा कि 2019 में रेल मंत्रालय द्वारा जारी 35281 पदों के लिए हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा का पीटी रिजल्ट 14 जनवरी 2022 को आया. पीटी के रिजल्ट में पदों के 20 गुना रिजल्ट जारी करने की बात थी. इस लिहाज से 7 लाख रिजल्ट आने चाहिए थे. रेलवे ने रिजल्ट भी इतना ही जारी किया, लेकिन इसमें तकरीबन 4 लाख रिजल्ट ऐसे हैं जिनमें कोई एक अभ्यर्थी दो से अधिक, यहां तक कि 7 पदों पर सफल हुआ है.
इस तरह वास्तविकता में महज 2 लाख 76 हजार रिजल्ट ही जारी हुआ है. अभ्यर्थियों की मांग एकदम जायज है कि एक पद के लिए एक अभ्यर्थी का ही रिजल्ट देना चाहिए. इससे साफ प्रतीत होता है कि रेलवे ने जितनी वैकेंसी निकाली थी, उतनी बहाली नहीं कर रही है.
दूसरा मामला ग्रुप डी की परीक्षा की है. इसमें 1 लाख 3 हजार पदों पर बहाली होनी है, जिसपर तकरीबन 1 करोड़ आवेदन आए हैं. यह अपने आप में देश में बढ़ती बेरोजगारी की दर को दिखा रहा है. जहां ग्रुप डी के पदों के लिए भी भारी मारामारी है. पहले के नोटिफिकेशन में इस परीक्षा में केवल पीटी परीक्षा लेने की बात कही गई थी, लेकिन अब एक तुगलकी फरमान निकालकर दो परीक्षाओं को आयोजित करने की बात कही जा रही है.
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