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NDA के बोल- कभी किताब तो कभी लेटरबाजी कर कन्फ्यूजन पैदा कर रही RJD - एनडीए

जदयू का कहना है कि यह सब सोची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है. वहीं, बीजेपी ने कहा कि अब लालू कुनबे की बात पर भरोसा कौन करेगा.

Statement of nda leaders on politics of rjd

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Published : Apr 14, 2019, 8:45 PM IST

पटना:राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पुस्तक गोपालगंज से रायसीना में उनके खुलासे और फिर राबड़ी देवी और तेजस्वी के बयान ने बिहार में नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ा दी है. लोकसभा चुनावों पर लालू की गैरमौजूदगी में इस किताब ने स्टार प्रचारक का काम किया है. वहीं, जदयू भी कुछ ऐसा ही मान रही है.

जदयू का कहना है कि यह सब सोची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है. राजद को पता है कि लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर हारने वाले हैं, तो कन्फ्यूजन पैदा करने के लिए ये सब किया जा रहा है. वहीं, बीजेपी ने कहा कि अब लालू कुनबे की बात पर भरोसा कौन करेगा.

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भ्रष्टाचार से अलग हुए थे नीतीश
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि इस तरह के बयान के पीछे की मंशा साफ है. जनता में कन्फ्यूजन पैदा करना है क्योंकि लालू कुनबे को लग गया है की चुनाव में सभी सीटों पर हार रहे हैं. नीतीश कुमार ने बिहार के हित में और भ्रष्टाचार को लेकर राजद से अलग होने का फैसला लिया था. तो फिर उसके साथ जाने का सवाल ही नहीं उठता.

पिता, मां और बेटे के अलग-अलग बयान...
वहीं बीजेपी का कहना है लालू परिवार पर विश्वास कौन करेगा. पिता कुछ बोलते हैं, बेटा कुछ बोल रहा हैं और मां कुछ बोल रही है. पूरा परिवार कन्फ्यूजन पैदा करने में है. लेकिन अब इनकी बातों को बिहार की जनता नोटिस नहीं कर रही है.

चुनाव को प्रभावित करने के हथकंडे
यही नहीं जदयू प्रवक्ता सुनील कुमार सिंह ने कहा कि चुनाव को प्रभावित करने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. लेटर तक लिखा जा रहा है. लेकिन लालू यादव भ्रष्टाचार की वजह से जेल में हैं और ये बात जनता को पता है.

नीतीश बोलेंगे तब ना...
लालू कुनबे की ओर से जिस ढंग से नीतीश कुमार को लेकर बयानबाजी हो रही है. लोकसभा चुनाव में उसका कितना असर होता है. ये तो देखने वाली बात होगी. वहीं, प्रशांत किशोर ने जरूर सफाई दी है. लेकिन नीतीश कुमार ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है.

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