पटना: राज्य की इंटेलिजेंस टीम की एक चिट्ठी से सियासत का तापमान बढ़ गया है. स्पेशल ब्रांच की इंटेलिजेंस टीम ने आरएसएस की गतिविधियों पर नजर रखने का आदेश जारी किया. इस मामले में पुलिस अधिकारियों की एक चिट्ठी इस बात को बल दे रही है. बुधवार को विधानमंडल में भी यह बात निकली, इसके बाद सदन में हंगामों का दौर शुरू हो गया.
'RSS एक खुली किताब है'
इस मामले को बीजेपी ने पूरी गंभीरता से लिया है. बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने कहा कि आरएसएस एक खुली किताब है. जिसको जांच कराना है, वे करा लें. उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए आखिर किस परिस्थिति में ऐसा किया जा रहा है. विधायक नितिन नवीन ने कहा कि इस मामले में जिसने भी पहल की है, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. बीजेपी के सभी नेता ने इस पर आपत्ति जताई है.
'इटेलिजेंस काम है जांच करना'
वहीं, भवन मंत्री अशोक चौधरी ने अपनी सफाई पेश की है. उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस की टीम अपने तरीके से काम कर रही है. इंटेलिजेंस का काम ही है कि पब्लिक डोमेन में जितने भी पॉलिटिकल पॉर्टी हैं या संस्था हैं, उनकी जानकारी रखना. इसमें किसी को आपत्ति जताने की जरुरत नहीं है.
आरजेडी का सरकार पर तंज
इधर, इस पूरे मामले में आरजेडी ने सरकार पर तंज कसा है. आरजेडी प्रवक्ता रामानुज यादव ने कहा कि संघ की जांच से पहले नीतीश कुमार कितने खुले है. उनकी जांच भी होनी चाहिए. सीएम साहब संघ को कभी मजबूत करने में जुट जाते हैं तो कभी उनकी मंशा पर शक करते हैं. उन्होंने कहा कि सीएम कभी संघ मुक्त भारत बनाने की बात करते हैं तो कभी संघ की मदद करते हैं.
ये है मामला
आपको बता दें कि स्पेशल ब्रांच के सभी डिप्टी एसपी को संबोधित करते हुए आरएसएस नेताओं के नाम, पता, पद और व्यवसाय की जानकारी देने को कहा गया था. चिट्ठी में फील्ड ड्यूटी पर लगाए वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल रूप से एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिए गए. इस चिट्ठी में जारी किए गए आदेश को अति आवश्यक समझने के लिए भी कहा गया था.