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मांझी ने ठोका 85 विधानसभा सीटों पर जीत का दावा, कहा- दलित या मुस्लिम हो बिहार का CM - tejashwi yadav

मांझी ने कहा कि महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर फैसला मिल बैठकर किया जाएगा, जो मुख्यमंत्री पद के लिए जो भी चेहरा महागठबंधन तय करेगा. उसे माना जाएगा.

पटना से अरविंद की रिपोर्ट
पटना से अरविंद की रिपोर्ट

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Published : Jan 10, 2020, 6:29 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को ज्यादा दिन नहीं बचे हैं. इसको लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारा और चेहरे को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है. महागठबंधन के सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दावा किया है कि 80 से 85 विधानसभा की ऐसी सीटें हैं, जहां हम चुनाव जीत सकते हैं या फिर दूसरे सहयोगियों को जिता भी सकते हैं.

अपनी पार्टी के जिला अध्यक्ष कों की बैठक के बाद मीडिया कर्मी से बातचीत करते हुए मांझी ने यह दावा करते हुए कहा कि हमारे पार्टी के नेताओं का मानना है कि बिहार में कुछ ऐसी सीटें हैं, जहां पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा अकेले अपने बूते चुनाव जीत सकती है. लेकिन हम महागठबंधन के हिस्सा है और महागठबंधन में जो फैसला होगा. वही सबको सर्वमान्य होगा. इसके साथ ही जीतन राम मांझी ने कहा कि दलित या मुस्लिम बिहार का मुख्यमंत्री होगा, तो महागठबंधन और भी मजबूत रहेगा.

पटना से अरविंद की रिपोर्ट

तेजस्वी का प्रशंसक हूं- मांझी
मांझी से जब पूछा गया कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आप चुनाव लड़ेंगे? इस सवाल के जवाब में मांझी ने कहा कि महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर फैसला मिल बैठकर किया जाएगा, जो मुख्यमंत्री के लिए जो भी चेहरा महागठबंधन तय करेगा. उसे माना जाएगा. हालांकि, हम तेजस्वी यादव के शुरू से ही प्रशंसक रहे हैं. हम जब एनडीए में, तब भी तेजस्वी की प्रशंसा करते रहे हैं.

जगदानंद के बयान पर जाहिर की नाराजगी
जीतन राम मांझी ने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बयान पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि गठबंधन में कोई एक तरफा फैसला नहीं ले सकता है. आपस में बैठकर बैठक के बाद नेतृत्व पर फैसला होगा. लोकतांत्रिक व्यक्ति ऐसी बातें नहीं बोल सकता. किसी एक आदमी की बात नहीं मानी जा सकती है. महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक होनी चाहिए और कमेटी भी गठित होनी चाहिए.

जगदानंद सिंह, राजद के प्रदेश अध्यक्ष

बहरहाल, चुनावी मौसम है. चुनावी साल है. एनडीए हो या महागठबंधन दोनों तरफ से सीट को लेकर नूराकुश्ती (दोनों पहलवान आपस में तय कर लेते हैं कि एक-दूसरे को पराजित नहीं करेंगे) जारी है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि चुनाव से पहले कौन सा दल सीट बंटवारा में सबसे पहले सीट फाइनल कर चुनावी मैदान में उतरता है.

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