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नीतीश कुमार को SC से राहत मिलने पर बोली JDU- विपक्ष चरित्र हनन के बदले जनता के लिए करे काम - statement of Rajiv Ranjan on supreme court decision

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की ओर से भी चुनाव के समय इस मामले को उछाला गया था. लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला जेडीयू के लिए बड़ी राहत की खबर है.

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जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन

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Published : Jan 6, 2020, 3:22 PM IST

पटनाः सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के एक पुराने मामले में सीएम नीतीश कुमार को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराने पर जेडीयू ने भी राहत की सांस ली है. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा विपक्ष के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला करारा जवाब है. नीतीश कुमार के चरित्र हनन और चरित्र हत्या जैसी कोशिश नाकाम हो गई है.

'चरित्र हत्या की जगह जनता के लिए काम करे विपक्ष'
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसला के प्रति हम सम्मान व्यक्त करते हैं. क्योंकि पहले ही हत्या के मामले में नीतीश कुमार को पटना हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी थी और अब उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी बहाल रखा है. राजीव रंजन ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता से हम कहना चाहेंगे कि चरित्र हनन और चरित्र हत्या की जगह जनता के लिए काम करें.

राजीव रंजन ने ये भी कहा कि पार्टी के लिए निश्चित रूप से बड़ी राहत की बात है. हम लोग ऐसे फैसले का इंतजार कर रहे थे और हमें उम्मीद थी कि कोर्ट का जो भी फैसला आएगा सही आएगा.

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आरजेडी ने चुनाव में बनाया था मुद्दा
बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की ओर से भी चुनाव के समय भी इस मामले को उछाला गया था. लेकिन पूरे मामले में पहले हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू के लिए बड़ी राहत की खबर है. साथ ही विपक्ष पर हमला करने का नया मौका भी इस फैसले ने दिया है.

बयान देते जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन

1991 में हुई थी सीताराम सिंह की हत्या
बता दें कि16 नवंबर 1991 को बाढ़ संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव के दौरान सीताराम सिंह की हत्या हुई थी. इस मामले में अन्य लोगों के साथ नीतीश कुमार को भी आरोपी बनाया गया था. बाद में पुलिस ने आरोप को गलत पाया और हाईकोर्ट ने नीतीश को आरोप मुक्त कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत
वहीं, हत्या के 17 साल बाद 2009 में बाढ़ के तत्कालीन एसीजेएम रंजन कुमार के कोर्ट में एक परिवाद दायर कर नीतीश को अभियुक्त बनाने का अनुरोध किया गया. इस पर एसीजेएम ने नीतीश समेत अन्य पर केस चलाने के लिए संज्ञान लिया. इसके बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.

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