नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बिहार कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने कहा कि बिहार में जो एनडीए की सरकार बनने जा रही है. यह पूरे 5 साल नहीं चलेगी. बीजेपी के दबाव में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन रहे हैं. बीजेपी किस तरह से दबाव बनाती है, यह नीतीश जी को अच्छे से पता है. नीतीश जी तो खुद कह रहे थे कि मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था. बीजेपी के आग्रह पर बन रहा हूं.
अखिलेश सिंह ने कहा कि बिहार में जनादेश महागठबंधन के पक्ष में था. नीतीश कुमार के पक्ष में नहीं था इसलिए नीतीश को तो मुख्यमंत्री ही नहीं बनना चाहिए था. जिस दिन वोटों की गिनती हो रही थी, उस दिन शाम में मुख्यमंत्री आवास से फोन कराकर महागठबंधन के कई प्रत्याशियों को हराया गया. जनता सब कुछ जानती है.
दिल्ली से शशांक की रिपोर्ट मांझी और सहनी की महागठबंधन में नो एंट्री
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस समेत महागठबंधन जोड़-तोड़ की सियासत में विश्वास नहीं रखता है इसलिए एनडीए सरकार को गिराने की हम लोग कोई कोशिश नहीं करेंगे. जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी को हम लोग महागठबंधन में लाने का प्रयास नहीं करेंगे.
बता दें नीतीश कुमार सोमवार को सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बनने जा रही है. 16 नवंबर को शाम 4.30 बजे राज्यभवन में नीतीश बिहार के 37वें सीएम के रूप में शपथ लेंगे. इससे पहले रविवार को हुई एनडीए की बैठक में नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता चुना गया है. बिहार में बीजेपी कोटे से डिप्टी सीएम कौन होगा, इसको लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है.
- बिहार में एनडीए के पास 125 सीटें हैं.
- हम प्रमुख एवं पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के पास 4 विधायक हैं.
- वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के पास भी चार विधायक हैं.
- एनडीए की सरकार इन्हीं पर निर्भर है.