पटना:शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठककी आठ दिनों की छुट्टियां मंगलवार को समाप्त हो गई है. 8 जनवरी से 16 जनवरी तक वह उपार्जित अवकाश पर गए हुए हैं. इसी बीच 9 जनवरी को एक पत्र काफी वायरल हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि केके पाठक ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि जानकारों ने बताया कि यह एक विभागीय प्रक्रिया है. जब भी कोई उच्च पद पर आसीन अधिकारी छुट्टी पर जाता है तो अपने पद का त्याग करके जाता है, ताकि कोई दूसरा पदभार ग्रहण कर विभाग के रूटीन कार्यों को कर सके.
शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम से गैरमौजूद:छुट्टी पर जाने के कारण शिक्षा विभाग के सबसे बड़ी नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम से केके पाठक दूर रहे. इस कार्यक्रम में आए शिक्षकों ने कहा कि केके पाठक की अनुपस्थित काफी खली है. कई लोग यह कह रहे हैं कि अब केके पाठक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण नहीं करेंगे. कई लोगों का कहना है कि शिक्षा माफियाओं के दबाव से वह क्षुब्ध हो गए हैं. हालांकि इसको लेकर अभी तक कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है.
शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य सचिव में दूरी:शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और केके पाठक के बीच कभी बनी नहीं है. जब केके पाठक छुट्टी पर गए तो शिक्षा मंत्री ने यह कह दिया कि काम में मन नहीं लगा तो इस्तीफा दे दिया है. शिक्षा मंत्री के इसी बयान ने हवा दिया कि केके पाठक सचमुच विभाग से दूर चले गए हैं.
आज कर सकते हैं योगदान:बहरहाल, केके पाठक की छुट्टी समाप्त हो गई है. आज 17 जनवरी बुधवार को उन्हें योगदान करना है. विभाग में अभी भी उनके नाम का नाम प्लेट लगा हुआ है. अब सभी को इस बात के इंतजार है कि आज केके पाठक विभाग में अपना योगदान करते हैं या नहीं? योगदान कर लेते हैं तो पद त्याग करने की बातें झूठी निकल जाएगी और यदि नहीं करते हैं तो साफ हो जाएगा कि नाराजगी के कारण उनको अपर मुख्य सचिव का पद छोड़ना पड़ा है.
ये भी पढ़ें: