बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Chaitra Navratri 2023: पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा, जानें पूजन विधि और मंत्र

आज चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन है. आज के दिन मां के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा होती है. ऐसी मान्यता है कि मां के इस रूप की उपासना करने से सूनी गोद जल्द भर जाती है और नि:संतान दंपती को संतान की प्राप्ति होती है. आइये जानते हैं पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र और उपाय के बारे में..

चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन
चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन

By

Published : Mar 25, 2023, 11:58 PM IST

पटना:आज चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाताकी पूजा हो रही है. माना जाता है कि स्कंद कुमार यानी कार्तिकेय की माता के कारण मां दुर्गा के पंचम स्वरूप को स्कंदमाता नाम दिया गया है. मां की गोद में भगवान स्कंद बालरूप में विराजित हैं. मां की चार भुजाएं हैं, यो दाहिनी उपरी भुजा में भगवान स्कंद को अपनी गोद में पकड़े हैं. दाहिनी निचली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है, उसमें कमल पकड़ा हुआ है.

ये भी पढ़ें: नवरात्र के पांचवें दिन होती है मां स्कंदमाता की पूजा

चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा: स्कंदमाता का वर्ण पूर्णत: शुभ्र है. माता कमल के पुष्प पर विराजित रहती हैं, इसी कारण से मां को पद्मासना की देवी और विद्यावाहिनी दुर्गा देवी भी कहा जाता है. माता का वाहन सिंह है. मान्यता है कि मां की उपासना करने से अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है. एकाग्रभाव से मन को पवित्र करके मां की स्तुति करने से तमाम दुखों से मुक्ति मिलती है और साधक को मोक्ष का प्राप्ति होती है.

क्या है स्कंदमाता की पूजा विधि: चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनना चाहिए. उसके बाद देवी को पीला चंदन, पीली चुनरी, पीली चूड़ियां और पीले पुष्प अर्पित करना चाहिए. ऊं स्कंदमात्रे नम: का जाप करना चाहिए. मां को केले को भोग पसंद है. साथ ही खीर में केसर डालकर भी नेवैद्य लगाया जा सकता है. वहीं आरती के बाद पांच कन्याओं के बीच केले के प्रसाद का वितरण कर देना चाहिए.

क्या है मां स्कंदमाता का मंत्र:कहा जाता है कि चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन विशुद्ध चक्र की साधना का होता है. ऐसे में इस चक्र को भेदने के लिए साधक को सही विधि से मां की पूजा करनी चाहिए. इसके लिए सही मंत्र का उच्चारण भी आवश्यक है. "सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया. शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी. या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:" वहीं आरती के बाद पूजा का समापन करना चाहिए.

संतान प्राप्ति के लिए करें मां स्कंदमाता की पूजा:ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन और सही विधि से अगर मां स्कंदमाता की पूजा की जाए तो संतान की प्राप्ति होती है. संतान प्राप्ति के लिए एक चुनरी में नारियल बांध लें और "नन्दगोपगृहे जाता यशोदागर्भ संभवा ततस्तौ नाशियिष्यामि विंध्याचलनिवासिनी" मंत्र का उच्चारण करते हुए उस नारियल और चुनवी को माता के चरणों में समर्पित कर दें. देवी मां की कृपा से भक्त की हर कामना पूरी होती है. घर में सुख, शांति और समृद्धि कामय रहती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details