रांची/ पटना: कोरोना के लगातार बढ़ते मरीज से समस्या बढ़ती ही जा रही है. मरीजों की संख्या जिस प्रकार बढ़ रही है, ऐसे में बेड की संख्या लगातार कम हो रही है. बेड की कमी रांची के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में भी देखी जा रही है, लेकिन इसी बीच ये भी खबर आ रही है कि एक तरफ कोरोना के मरीजों के लिए रिम्स में बेड की कमी है, तो वहीं, दूसरी ओर रिम्स के पेंइंग वार्ड में सजायाफ्ता इलाजरत लालू यादव के द्वारा 19 कमरों पर आधिपत्य जमा लिया गया है.
इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जब रिम्स अधीक्षक डॉक्टर विवेक कश्यप से बात की तो उन्होंने बताया कि कब्जा की बात सरासर गलत है, लेकिन लालू यादव की सुरक्षा को लेकर उनके फ्लोर के सभी कमरे में मरीजों को रखना फिलहाल बंद कर दिया गया है. क्योंकि यदि किसी मरीज को उस फ्लोर पर रखा जाता है और वह कोरोना संक्रमित होता है, तो यह सीधा-सीधा लालू यादव के स्वास्थ के साथ लापरवाही होगी. इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर उस फ्लोर के लगभग सभी कमरे को बंद रखा गया है. अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिस प्रकार से बेड की कमी से गरीब मरीजों को रिम्स से वापस लौटना पड़ रहा है, वैसी स्थिति में लालू यादव के लिए पूरा फ्लोर खाली रखना कितना जायज है.
लालू यादव के लिए रिम्स में खाली कराए गए 18 कमरे, विपक्ष ने उठाए सवाल - कोरोना वायरस
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को लेकर झारखंड में एक बार फिर राजनीति गरमा गई है. रिम्स में लालू यादव के फ्लोर को खाली रखने पर विपक्ष ने सवाल उठाया है.
'सुरक्षा के मद्देनजर खाली रखे गए हैं'
वहीं, लालू यादव के फ्लोर पर सभी कमरे बंद रहने को लेकर झारखंड के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने भी सवाल खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखते हुए कहा है कि जिस प्रकार से राज्य में बेडों की कमी की वजह से लगातार गरीब मरीजों को यहां-वहां भटकना पड़ रहा है. ऐसे में अगर लालू यादव के पेइंग वार्ड वाले फ्लोर के सभी कमरे को खोल दिया जाए, तो निश्चित रूप से काफी बेड की संख्या में बढ़ोतरी होगी. हालांकि, रिम्स प्रबंधन की ओर से यह जरूर कहा गया है कि लालू यादव जिस फ्लोर पर भर्ती हैं, उस फ्लोर के सभी कमरे सुरक्षा के मद्देनजर खाली रखे गए हैं.