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चुनाव प्रचार थमते ही हेलीकॉप्टर से जमीन पर आए नेता, पटना एयरपोर्ट पर भी पसरा सन्नाटा

बिहार में आखरी चरण का चुनाव प्रचार थमते ही पटना एयरपोर्ट पर अब सन्नाटा पसर गया है. कोरोना काल में जो ढील दी गई, उसका फायदा चुनाव प्रचार में खूब हुआ. हेलीकॉप्टर से तकरीबन 2000 चुनावी सभाओं में विभिन्न दलों के नेताओं ने शिरकत की.

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Published : Nov 6, 2020, 2:40 PM IST

पटनाःबिहार विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण के चुनाव प्रचार पर शुक्रवार की शाम से विराम लग गया. प्रचार के लिए पटना एयरपोर्ट से जो हेलीकाप्टर उड़ान भर रहे थे उनकी रफ्तार थम गई. कल शाम से ही पटना एयरपोर्ट पर हेलीकॉप्टर का आना जाना बंद हो गया. नेताओं की चहलकदमी और हेलीकॉप्टर की आवाजाही बंद होते ही हवाईअड्डे पर अब सन्नाटा पसर गया है.

दरअसल इस बार कोरोना संक्रमण के कारण ऐसा माना जा रहा था कि चुनावी प्रचार वर्चुअल माध्यम से ही किया जाएगा. लेकिन कोरोना काल में जो ढील दी गई उसका फायदा चुनाव प्रचार में खूब हुआ. पटना एयरपोर्ट से चुनाव प्रचार के लिए उड़न खटोले खूब निकले. कुल दो दर्जन से ज्यादा हेलीकाप्टर पटना एयरपोर्ट से नियमित रूप से उड़ान भरते रहे. जिसमें विभिन्न दल के नेता चुनाव प्रचार के लिए जाते थे.

बीजेपी ने हेलीकॉप्टर से 650 से ज्यादा सभाएं की
भारतीय जनता पार्टी की अगर हम बात करें तो 29 से ज्यादा नेताओं ने हेलीकॉप्टर के माध्यम से 650 से ज्यादा सभाएं की. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 113 सभाएं और नेता प्रतिपक्ष से तेजस्वी यादव ने 251 सभाएं हेलीकॉप्टर के माध्यम से की. इसके अलावा उपेंद्र कुशवाहा के गठबंधन ने भी एक हेलीकाप्टर बुक करवा रखा था. जिससे कुल 147 सभाओं को उन्होंने संबोधित किया.

पटना एयरपोर्ट

पप्पू यादव की पार्टी ने हेलीकॉप्टर से 180 सभाएं की
वहीं, पप्पू यादव की पार्टी ने भी एक हेलीकॉप्टर की बुकिंग करा रखी थी. जिससे उन्होंने 180 सभाएं की. लोक जनशक्ति पार्टी ने भी एक हेलीकॉप्टर बुक कराई थी. इसके माध्यम से लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान, उपाध्यक्ष सूरजभान और लोजपा के प्रत्याशी रही उषा विद्यार्थी ने भी 50 से ज्यादा सभाएं कीं.

बात अगर कांग्रेस की करें तो इनके नेताओं में शक्ति सिंह गोहिल, अखिलेश सिंह, मदन मोहन झा के अलावे छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री और राहुल गांधी ने भी चुनावी सभाएं की. इन नेताओं ने भी हेलीकाप्टर के माध्यम से लगातार चुनावी सभा को संबोधित किया.

हेलीकॉप्टर से हुई तकरीबन 2000 चुनावी सभाएं
कुल मिलाकर देखें तो इस बार भी बिहार विधानसभा चुनाव में उड़न खटोले के जरिए विभिन्न दल के नेताओं ने जमकर चुनाव प्रचार किया. हेलीकॉप्टर सेतकरीबन 2000 चुनावी सभाओं में विभिन्न दलों के नेताओं ने शिरकत की. निश्चित तौर पर कोरोना संक्रमण काल था और चुनाव की घोषणा के बाद बहुत कम समय नेताओं के पास बचा था. उसके बावजूद भी पटना एयरपोर्ट पर उड़न खटोले के इंतजाम सभी गठबंधन ने कर लिया था. सभी गठबंधन के नेताओं ने इस बार भी जमकर चुनाव प्रचार किया.

इन 15 जिलों में होगा तीसरे चरण का चुनाव
बता दें कि बिहार में अब सिर्फ तीसरे चरण का मतदान बचा हुआ है. जिसमें 15 जिलों की कुल 78 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. जिन जिलों में चुनाव होगा उनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सहरसा, दरभंगा, वैशाली, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर शामिल हैं.

जानकारी देते संवाददाता

33,782 बूथों पर होगा मतदान
तीसरे चरण के लिए 15 जिलों में 33 हजार 782 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. 33 हजार 782 कंट्रोल यूनिट, 45 हजार 953 बैलेट यूनिट एवं 33 हजार 782 वीवीपैट का इस्तेमाल होगा. 78 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में 2.35 करोड़ मतदाता 1204 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. इस चरण में सभी पार्टियों की नजर सीमांचल की सीटों पर ज्यादा है.

सात नवंबर को होने वाले चुनाव में 1094 पुरुष और 110 महिलाएं मैदान में हैं. इस चरण में कुल 2 करोड़ 35 लाख 54 हजार 71 मतदाताओं में एक करोड़ 23 लाख 46 हजार 799 पुरुष, एक करोड़ 12 लाख 6 हजार 378 महिला एवं 894 थर्ड जेंडर हैं.

जनता किसे सौंपेगी सत्ता की चाबी
अब देखना यह है कि उड़न खटोले से नेताओं ने जो प्रचार विभिन्न क्षेत्रों में किए हैं, उसका असर जनता पर कितना होगा. इस चुनाव के बाद किसको क्या फायदा मिलेगा और जनता किस गठबंधन को सत्ता की चाबी सौंपेगी.

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