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नवादा में सामूहिक आत्महत्या मामलाः राजद ने कहा गंभीर व चिंताजनक हालात से बीजेपी बेपरवाह

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Published : Nov 10, 2022, 11:00 PM IST

नवादा में एक परिवार द्वारा किए गए सामूहिक आत्महत्या मामले पर राजद ने बीजेपी पर हमला (RJD attacked BJP in Nawada suicide case) किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि कर्ज चुकाने की दबाव की वजह से उन लोगों ने सामूहिक निर्णय के द्वारा आत्महत्या कर ली. विपक्ष विशेष रूप से भाजपा इसके लिए बिहार सरकार को कठघरे में खड़ा करने की औपचारिकता निभायेगी.

शिवानंद तिवारी
शिवानंद तिवारी

पटना:गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए शिवानंद तिवारी ने कहा (Shivanand Tiwari statement on Nawada suicide case) कि देश की गंभीर और चिंताजनक स्थिति के प्रति भाजपा असंवेदनशील तथा बेपरवाह है. नवादा में पूरे परिवार ने एक साथ आत्महत्या कर ली. छह लोगों ने जान दे दी. कर्ज चुकाने की दबाव की वजह से उन लोगों ने सामूहिक निर्णय के द्वारा आत्महत्या कर ली. विपक्ष विशेष रूप से भाजपा इसके लिए बिहार सरकार को कठघरे में खड़ा करने की औपचारिकता निभायेगी. दो दिन बाद फिर सबकुछ पूर्ववत हो जाएगा.

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देश गंभीर चिंताजनक दौर से गुजर रहाः शिवानंद तिवारी ने कहा कि अगर यह या इस तरह की घटना सिर्फ़ बिहार में होती तो बिहार की सरकार को कटघरे में खड़ा किया जाना जायज माना जा सकता था, लेकिन देश भर में ऐसी घटनायें हो रही हैं. कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश से इसी तरह की खबर छपी थी. देश गंभीर चिंताजनक दौर से गुजर रहा है. लोगों के पास काम नहीं है. उपर से महंगाई जान खा रही है. यह स्थिति सिर्फ कोविड की ही वजह से नहीं है, बल्कि उसके पहले ही नोट बंदी के बाद हमारी अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई थी. करोड़ों की संख्या में सड़कों के किनारे फुटपाथ पर छोटी छोटी नगदी पूंजी के सहारे परिवार पालने वालों का भविष्य अंधकारमय हो गया. नोटबंदी का घोषित मक़सद तो हासिल करने की बात तो दूर है. आज वह और भी अपने विकृत रूप में हमारे सामने खड़ा है.

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बड़ी संख्या में युवा डिप्रेशन में: उन्होंने आगे यह भी कहा कि जिस तरह और जिस बड़ी संख्या मे आज काला धन निकल रहा है, वह आश्चर्यजनक है. काले धनवालो की सुविधा के लिए दो हज़ार रूपये के नोट का प्रवधान कर दिया गया. आश्चर्य तो यह है कि दो हज़ार का वह नोट भी बाज़ार से गायब है. खबरों के मुताबिक 2020 मे सामूहिक आत्महत्या के 121 मामले सामने आये थे. इनमें मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित इन सामूहिक आत्महत्या की घटनाओं में 272 लोग मरे थे. यह संख्या 2019 की तुलना में 58% ज्यादा थी. मृतकों की संख्या भी 51 प्रतिशत ज्यादा थी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय का राष्ट्रीय अपराध रेकाड ब्यूरो भी बता रहा है कि युवाओं में भी आत्महत्याओं की संख्या तेज़ी से बढ़ी है. भविष्य के प्रति हताश और निराश युवा बड़ी संख्या में डिप्रेशन में हैं. नई उम्र में आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

"नवादा की घटना या उसके पूर्व समस्तीपुर की घटना से बिहार भाजपा के नेता सचमुच चिंतित हैं तो उन्हें अपनी चिंता से प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को अवगत कराना चाहिए. सिर्फ नीतीश सरकार को कोस कर विरोध की औपचारिकता निभा देने का अर्थ होगा कि भाजपा देश की गंभीर और चिंताजनक हालत के प्रति बेपरवाह तथा असंवेदनशील है. इसको भाजपा का देश विरोधी चरित्र ही माना जाएगा"-शिवानंद तिवारी, राजद

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