मसौढ़ी: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में 11 सूत्री मांग को लेकर सड़क पर उतरे सभी सरपंचों ने नीतीश कुमार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की है. आंदोलनकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 13 दिसंबर, 2013 को बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों एवं 22 जुलाई, 2016 को आश्वासन दिया था. उनके द्वारा कहा गया था कि बिहार के सभी ग्राम कचहरी को विकसित किया जाएगा. सरपंच उपसरपंच, न्यायमित्र, सभी ग्राम कचहरी के कर्मियों का मानदेय बढ़ाया जाएगा लेकिन आज तक यह आश्वासन लंबित है.
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क्या है 11 सूत्री मांग?: 11 सूत्री मांगो में सभी सरपंच उप सरपंच पंचगणों को जनसंख्या के आधार पर वेतन भत्ता, सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं पूर्ण बीमा सहित 2006 से निर्वाचित ग्राम प्रचारित प्रतिनिधियों को पेंशन प्रदान किया जाना है. सभी ग्राम कचहरियों में चौकीदार, ग्राम कचहरी प्रहरी आदेश पाल, भूमापक अमीन, कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति कराई जाए. ग्राम कचहरी सरपंच उप सरपंच एवं पंचगणों की मांग पर सुरक्षा प्रदान किया जाए.
वोट का करेंगे बहिष्कार: इसके अलावा उन सभी इच्छुक लोगों को हथियार का लाइसेंस दिया जाए, ग्राम कचहरी न्याय पीठ को वार्ड पंचायत स्तर के बीच विकासात्मक कार्यों की समीक्षा एवं जांच निर्गत करने का अधिकार दिया जाए. इसमें और भी कई मांगे सम्मिलित हैं. 11 सूत्री मांगो को लेकर सड़क पर उतरे सभी सरपंचों ने चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांग पर विचार नहीं किया गया तो आने वाले चुनाव का सभी बहिष्कार करेंगे. इससे पहले आगामी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर पूरे जिले में न्याय यात्रा निकाली गई थी.
"हमारी 11 सूत्री मांगे पूरी नहीं हुई तो आने वाले समय में हम वोट का बहिष्कार करेंगे. इन मांगों में सभी ग्राम कचहरियों में चौकीदार, ग्राम कचहरी प्रहरी आदेश पाल, भूमापक अमीन, कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति कराई जाए. ग्राम कचहरी सरपंच उप सरपंच एवं पंचगणों की मांग पर सुरक्षा प्रदान किया जाए ये सभी शामिल है."-सोमा देवी, सरपंच