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बिहार महासमर 2020: महिला वोटरों पर नीतीश की नजर, क्या इस बार भी बनेंगी खेवनहार?

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले विपक्ष सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश कर रहा है. वहीं सरकार शराबबंदी, नौकरी में आरक्षण आदि मुद्दों को विधानसभा चुनाव में भुनाने की कोशिश करेगी.

bihar assembly election
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Published : Sep 9, 2020, 1:05 PM IST

Updated : Sep 9, 2020, 2:04 PM IST

पटनाःबिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. सभी पार्टियां जनता तक पहुंच बनाने और ज्यादा से ज्यादा वोट बैंक साधने में जुट गई हैं. बिहार के चुनाव में महिला वोटर अहम भूमिका निभाती हैं. राज्य में आधी आबादी के वोट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार प्रचंड बहुमत से जीतते रहे हैं. साइकिल योजना, पोशाक की योजना, पंचायतों में आरक्षण फिर नौकरियों में आरक्षण से लेकर शराबबंदी तक के फैसलों से सीएम ने आधी आबादी के बीच एक विशेष पहचान बनाई है.

बिहार में विधानसभा का चुनाव
शराबबंदी के बाद पहली बार बिहार में विधानसभा का चुनाव हो रहा है. ऐसे में महिलाओं के वोट पर फिर से नीतीश कुमार की नजर है. आगामी चुनाव में शराबबंदी जैसे मुद्दे को नीतीश कुमार भुनाने की कोशिश करेंगे.

देखें रिपोर्ट

आधी आबादी के वोट से जीत हार
बिहार विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से सभी दलों की नजर आधी आबादी की वोट बैंक की ओर है.

  • 1952 से लेकर 2015 तक हुए चुनाव में 291 महिला विधायकों ने जीत हासिल की
  • यह संख्या कुल जीते प्रत्याशियों 4, 765 की तुलना में 6 प्रतिशत के आसपास है
  • 2015 के विधानसभा चुनाव में 28 महिला प्रत्याशियों ने चुनाव जीता था
  • अब तक हुए चुनाव में सबसे अधिक 2010 में 37 महिला प्रत्याशियों ने चुनाव जीता था
  • 2010 में नीतीश कुमार ने आधी आबादी का कार्ड खेला था और उसमें सफलता भी मिली.
  • अब एक बार फिर से 2020 के चुनाव में नीतीश कुमार महिला वोटरों पर नजर बनाए हैं
    शराबबंदी पर बनी पेंटिंग

"शराबबंदी का मुद्दा महत्वपूर्ण है और इससे घरेलू हिंसा में काफी कमी आई है. महिलाओं का वोट निश्चित रूप से नीतीश कुमार को मिल सकता है, लेकिन गांव में अब भी शराब ब्लैक में मिल रहे हैं यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. "
- डीएम दिवाकर, विशेषज्ञ

विशेषज्ञ डीएम दिवाकर

"महिलाओं का वोट हमेशा नीतीश कुमार के साथ रहा है और इस बार भी पूर्वानुमान है कि सबसे अधिक वोट महिलाओं का ही होगा. इसकी बड़ी वजह शराबबंदी से होने वाले नुकसान हैं. जिसमें शराब से होने वाली बीमारियों, सड़क दुर्घटनाएं और महिला उत्पीड़न में आई कमी है."
-राजीव रंजन, जेडीयू प्रवक्ता

जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन

"शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार को वोट नहीं मिलेगा क्योंकि सरकार ठीक से यह कानून लागू नहीं करवा पाई है. महागठबंधन में रहते हुए मुख्यमंत्री ने यह लागू किया था लेकिन नीतीश सरकार की वजह से शराब माफियाओं की चांदी हो गई है."
-मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी प्रवक्ता

आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी

1985 से अब तक विधानसभा पहुंचने वाली महिलाओं की संख्या-

वर्ष महिला विधायक की संख्या
1985 15
1990 13
1995 12
2000 16
2005 23
2010 37
2015 28

शराबबंदी पर नीतीश मांगेंगे महिलाओं से वोट
बिहार में शराबबंदी से सरकार को राजस्व में बड़ी हानि हो रही है. इसके बावजूद नीतीश सरकार ने शराबबंदी के फैसले को कड़ाई से बिहार में लागू किया है. राज्य में पिछले 4 साल से पूर्ण शराब बंदी लागू है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार अपने कार्यक्रमों में कहते रहे हैं कि महिलाओं के कहने पर ही हमने शराब बंदी लागू किया है. ऐसे में शराबबंदी के मुद्दे पर महिलाओं से नीतीश का वोट मांगना तय है.

Last Updated : Sep 9, 2020, 2:04 PM IST

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