पटना: बिहार में आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से तैयारियों में जुट गई है. 2005 से अब तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीरो टॉलरेंस का दावा करते आए हैं. बिहार में इस बार जेडीयू और आरजेडी 15 साल बनाम 15 साल के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी. वहीं, जीरो टॉलरेंस के मुद्दे पर आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र ने सरकार के नारे को ढकोसला बताया है.
राज्य में अरबों-खरबों का घोटाला
आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने आरोप लगाया कि बिहार में प्रतिदिन हत्या, लूट जैसे घटनाएं हो रही हैं. विशेष कर राज्य में अरबों-खरबों का घोटाला हुआ है. बिहार में प्रतिदिन मां-बहनों की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. भाई वीरेंद्र ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश के राज्य में बालिका गृह कांड जैसा घिनौना कांड हुआ है. आरजेडी ने नीतीश कुमार का भी नारको टेस्ट करवाने की मांग की थी. वहीं, भाई वीरेंद्र ने कहा कि हमारे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने खुद बिहार की जनता से माफी मांगी है कि हमारे कार्यकाल में अगर कुछ गलतियां हुई होंगी तो माफ करें. लेकिन नीतीश कुमार के कार्यकाल की गड़बड़ियों के बारे में गिनाना शुरू करें, तो दो-चार दिन लग जाएंगे.
दोनों दलों के बीच तुलना करना होगा आत्मघाती
जीरो टॉलरेंस के मुद्दे पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने सफाई देते हुए कहा कि आरजेडी पार्टी और जेडीयू पार्टी का मॉडल अलग-अलग है. आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव खुद भ्रष्टाचार के कई मामलों में सजायाफ्ता हैं. उनके पार्टी के पूर्व मंत्री और उनके करीबी नेता भी कई संगीन मामले में सजायाफ्ता हैं और जेल में सजा काट रहे है. उन्होंने कहा कि आरजेडी के कार्यकाल के दौरान कई घोटाले के नाम से लोग पार्टी को जाने लगी थी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीरो टॉलरेंस की बात सिर्फ कहीं नहीं उसे कर भी दिखाया है.