पटना: बिहार सरकार में मंत्री बनाए गए मेवालाल चौधरी को आज शिक्षा जैसा अहम मंत्रालय दिया गया है. जेडीयू नेता मेवालाल चौधरी के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था. अब अहम मंत्रालय इन्हें मिलने के बाद आरजेडी ने निशाना साधना शुरु कर दिया है.
शिक्षा मंत्रालय का अहम विभाग मेवालाल चौधरी को देना हमारे लिए आश्चर्य की बात नहीं- जगदानंद सिंह
एनडीए की नई सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज विभागों का बंटवारा कर दिया है. शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी तारापुर से जेडीयू के विधायक मेवालाल चौधरी को सौंपी गई है जो पहले कुलपति रह चुके हैं. इसे लेकर आरजेडी ने कटाक्ष किया है.
'आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी पद से बड़ा कुलपति का पद होता है. हम इसका सम्मान करते हैं. लेकिन कुलपति की कुर्सी पर बैठाने वाले मेवालाल जी को कौन सा विभाग दिया गया है यह हमार लिए आश्चर्य की बात नहीं है.'- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आरजेडी
कौन हैं मेवालाल चौधरी
जेडीयू नेता मेवालाल चौधरी के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था. इस मामले में इन पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी और पार्टी ने इन्हें निलंबित भी किया था. वो 2010-15 के बीच में सबौर कृषि विवि में वाइस चांसलर थे. जेडीयू कोटे से मंत्री बनने वाले मेवालाल चौधरी को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया है. बिहार की तारापुर विधानसभा क्षेत्र से वे जेडीयू के टिकट पर दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. मेवालाल चौधरी 2015 में पहली बार विधायक बने थे जबकि इससे पहले तक वो शिक्षक रहे हैं.