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All Party Meeting से पहले लालू की अध्यक्षता में विधानमंडल दल की बैठक, क्या बिहार की राजनीति में आएगा बवंडर?

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Published : May 31, 2022, 4:12 PM IST

बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census In Bihar) कराने को लेकर 1 जून यानी कि कल सर्वदलीय बैठक होगी लेकिन उससे पहले ही बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है. सर्वदलीय बैठक से पहले राजद ने लालू यादव की अध्यक्षता में विधानमंडल दल की बैठक बुलायी है. कहा जा रहा है कि इस बैठक के जरिए राजद आने वाले वक्त के लिए अपनी रणनीति तैयार करेगा. पढ़ें पूरी खबर..

RJD legislature party meeting
RJD legislature party meeting

पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव(RJD President Lalu Prasad Yadav) जब से पटना आए हैं तब से पार्टी में एक नया जोश-ओ-खरोश देखने को मिल रहा है. इसी क्रम में 1 जून को होने वाले सियासी उठापटक पर भी सबकी नजरें हैं. खुद लालू प्रसाद की पैनी निगाहें इन घटनाक्रम पर लगी हुई है. बता दें कि अगले एक जून को यानी की बुधवार को जातीय जनगणना पर बहुप्रतिक्षत सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting On June 1st ) होने वाली है. सर्वदलीय बैठक का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. कल चार बजे मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में यह बैठक निर्धारित की गयी है. इसमें विभिन्न दलों के नेता शामिल होंगे.

पढ़ें- बिहार: जातीय जनगणना को लेकर एक जून को होगी सर्वदलीय बैठक

RJD विधानमंडल दल की बैठक आज:इस बैठक को लेकर खुद सीएम नीतीश कुमार ने पहल की है और सभी पार्टियों को पत्र भी लिखा गया है. इस बैठक से ठीक एक दिन पहले (मंगलवार) राजद विधानमंडल दल की बैठक (RJD Legislature Party Meeting) ने सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया है क्योंकि इस बैठक की सबसे खास बात यह है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद खुद इसकी अध्यक्षता करेंगे. हालांकि इस बैठक को जातीय जनगणना से पहले की रणनीति तैयार करने को लेकर आयोजित करने की बात कही जा रही है. लेकिन राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो इस बैठक के कई सियासी मायने भी हैं.

राजद की मीटिंग कई मायनों में खास: राजद के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो सूबे में तेजी से बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ ही पार्टी के अन्य सभी बड़े नेताओं की पैनी नजर बनी हुई है क्योंकि अभी हालात ऐसे हैं कि राज्य में कोई राजनीतिक घटना घट सकती है. जिसपर हर पार्टी की नजर लगी हुई है. सूत्रों की मानें तो इस बैठक में भले ही जातीय जनगणना पर रणनीति बनाने की बात कही जा रही हो लेकिन सबसे अहम मुद्दा अगर नीतीश सरकार गिरती है तो उसके बाद की रणनीति कैसी होगी, ये तय करना है.

लंबे वक्त बाद लालू रहेंगे मौजूद:पार्टी के प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं कि 31 मई को राजद विधानमंडल दल की बैठक है. हमारे लिए खुशी की बात यह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद इसका नेतृत्व करेंगे. सबको ये पता है कि लालू प्रसाद को साजिश के तहत प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा और सेहत का भी कारण रहा. सारे झंझावात से निवृत्त होकर वह पटना आये हैं.

"सूबे में जिस तरह से राजनैतिक हालात बन रहे हैं. सिर्फ जातीय जनगणना का मुद्दा नहीं है. पांच जून को सम्पूर्ण क्रान्ति दिवस है. इस अवसर पर बापू सभागार में महजुटान भी होगा. महागठबंधन के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे. इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष , नेता प्रतिपक्ष , वाम दलों के सभी राष्ट्रीय नेता व अन्य बड़े नेता रहेंगे. उस दिन डबल इंजन सरकार की कार्यकलापों का रिपोर्ट कार्ड भी जारी किया जाएगा और यह बताया जाएगा कि यह सरकार किस तरह से पूरे मामलों में फेल रही है."- एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता

सभी घटनाक्रमों पर है राजद की नजर:इधर पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो जातीय जनगणना के बहाने राजद की नजर बिहार के सियासी घटनाक्रम पर है. पार्टी यह मान कर चल रही है कि अगर किसी भी कारण से वर्तमान सरकार गिरती है तो राजद अपनी भूमिका निभाने से पीछे नहीं हटेगा. गौर करने वाली बात यह है कि ये विधान मंडल दल की बैठक है जिसके बाद सूबे में सियासी तापमान बढ़ गया है.



पक रही है खिचड़ी:वहीं वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं जातीय जनगणना से ठीक पहले राजद विधानमंडल दल की यह बैठक सूबे में आने वाले राजनीतिक तूफान की शांति की तरह है. राजद बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी है. लालू प्रसाद की उपस्थिति में लंबे वक्त के बाद बिहार में बैठक हो रही है.

"विधानमंडल दल की बैठक हो रही है. इसमे विधायक, विधान पार्षद समेत तमाम बड़े नेता उपस्थित रहेंगे तो निश्चित तौर पर कहीं न कहीं राजनीतिक मायने तो होता ही है क्योंकि सर्वदलीय बैठक के संबंध में एक तारीख को सीएम बैठक बुलाये हैं. कही न कही अंदरखाने कुछ पक रहा है. मेरे अनुसार इसमें राष्ट्रपति चुनाव भी एक मुद्दा हो सकता है. संगठनात्मक मजबूती के साथ ये सब भी मुद्दे होंगे. 2024 व 2025 में होने वाले चुनाव को लेकर भी रणनीति बनेगी."- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार



जातीय जनगणना पर एनडीए में घमासान:बता दें कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार की राजनीति एक बार फिर करवट लेती दिख रही है. पहली बार सत्ता पक्ष में बैठी पार्टी जेडीयू और विपक्ष में बैठी आरजेडी एक साथ हैं. दोनों ही पार्टियां जातीय जनगणना कराने की मांग कर रही हैं. दूसरी तरफ सत्ता में साझीदार बीजेपी जातीय जनगणना के खिलाफ अकेले खड़ी है. इधऱ जेडीयू और बीजेपी के बीच दिखती दूरियों में विपक्ष अपने लिए नई संभावनाएं देख रहा है.

5 साल बाद शामिल होंगे लालू:करीब 5 सालों बाद यह पहला मौका होगा जब इस तरह की बैठक में लालू प्रसाद खुद मौजूद रहेंगे. बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए राजद ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. इनमें बिस्फी के पूर्व विधायक डॉ. फैयाज अहमद और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती काे उम्मीदवार बनाया गया है. दोनों प्रत्याशियों ने शुक्रवार को अपना पर्चा भरा था. नामांकन के मौके लालू प्रसाद यादव के साथ ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, विधायक तेज प्रताप यादव समेत पार्टी अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

बुधवार को पटना आये थे लालू:ज्ञात हो कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बुधवार की देर शाम दिल्ली से पटना पहुंचे थे. इसके बाद आरजेडी के राज्यसभा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गयी थी. सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में एक जून को जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक (All party meeting on caste census) भी होने वाली है. जातीय जनगणना को लेकर आरजेडी शुरू से ही मुखर है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विभिन्न मंचों पर जातीय जनगणना कराने की मांग प्रमुखता से उठाते रहे हैं. ऐसे में आरजेडी के विधायक दल की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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