पटना:चुनाव परिणाम आने के बाद महज कुछ अंतर से सरकार बनाने से चूक गई राजद ने अब अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है. पार्टी अब अपने घर के भेदियों को चुन-चुनकर बाहर का रास्ता दिखा रही है. पार्टी तमाम प्रमंडलों की लगातार समीक्षा कर चुनावी नतीजों में हार के कारण को ढूंढकर ठिकाने लगा रही है.
भेदियों की वजह से जादुई आंकड़ों से चूक गई राजद
110 सीटें लाने के बावजूद महागठबंधन की सरकार बिहार में नहीं बन पाई. राजद और कांग्रेस के नेता लगातार बार-बार बीजेपी और एनडीए पर जनमत की लूट का आरोप लगा रहे हैं. इसके साथ-साथ बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी राष्ट्रीय जनता दल की इंटरनल समीक्षा भी लगातार जारी है. पार्टी अब अपने अंदर छिपे सभी विभीषणों को पहचान कर बाहर का रास्ता दिखा रही है. जिनके कारण वह उन सीटों पर हारी जहां उनके जीतने की गुंजाइश सबसे अधिक थी. उसका सबसे बड़ा उदाहरण दरभंगा से पार्टी के कद्दावर नेता और सूबे के बड़ा मुस्लिम चेहरा अब्दुल बारी सिद्दीकी की हार.
दरंभगा के जिला अध्यक्ष को माना सिद्दीकी की हार की वजह
चुनाव में सबसे बड़ा मामला पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी की हार का सामने आया था. जिसे लेकर एक ऑडियो वायरल हुआ. इसमें दरभंगा के राजद जिलाध्यक्ष राम नरेश यादव की भूमिका पर सवाल उठे थे. पार्टी ने ऑडियो की जांच करवाई. समीक्षा हुई और उसके बाद राम नरेश यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.