पटना :वैश्विक महामारी कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न कर दिया. भारत के कई पड़ोसी देश संकट के दौर से गुजर रहे हैं. श्रीलंका जैसे देश में तो खाद्यान्न संकट है. भारत में भी ऐसी विकट परिस्थिति उत्पन्न ना हो (economic crisis in india) इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने राज्यों को सुधारात्मक कदम उठाने को कहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में प्रपत्र के जरिए राज्यों में वित्तीय तनाव को लेकर चिंता व्यक्त की है. राज्यों से जरूरी कदम उठाने को कहा है. सबसे अधिक कर्जदार पांच राज्यों के लिए खतरे की घंटी है. रिजर्व बैंक ने कुछ राज्यों के आंकलन को खारिज करते हुए कहा है कि वह अपने खर्चे में कटौती करें और आय में वृद्धि के लिए प्रयत्न करें.
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आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा की अगुवाई में तैयार प्रपत्र में कहा गया है कि पंजाब, राजस्थान, बिहार, केरल और बंगाल सबसे अधिक कर्जदार राज्यों में हैं. इन राज्यों को जरूरी चीजों पर खर्च में कटौती करने और आय में वृद्धि करने के सुझाव दिए गए हैं. प्रपत्र में श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक हालात का हवाला भी दिया गया है.
लगातार बढ़ रहा है डेब्ट जीडीपी अनुपात : डेब्ट जीडीपी अनुपात 30% के आसपास होना चाहिए, जबकि बिहार का आंकड़ा 'लक्ष्मण रेखा' से ज्यादा है. 2020-21 में बिहार का डेब्ट जीडीपी 36.7% था, जबकि 2021-22 में डेब्ट जीडीपी बढ़कर 38.6% हो गया. 2022-23 में अनुमानित डेब्ट जीडीपी 38.7% है. राज्य की अर्थव्यवस्था से ज्यादा तेजी से बकाया कर्ज बढ़ (RBI Alert Bihar For Debt Burden) रहा है. राज्य की इकॉनमी इस साल 9.7 फीसदी बढ़कर 7.45 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है. बजट में इस साल बकाया कर्ज 2.88 लाख करोड़ रहने का अनुमान है, जो 2018-19 से 70 फीसदी अधिक है.