बिहार

bihar

ETV Bharat / state

सजायाफ्ता 'माननीयों' को पेंशन? रामसूरत राय ने कहा- संवैधानिक प्रावधानों का पालन जरूरी - संवैधानिक प्रावधानों का पालन जरूरी

सजायाफ्ता माननीयों को पेंशन मिलना चाहिए या नहीं, इस पर बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय (Ram Surat Rai) का कहना है कि संविधान सम्मत जो कुछ भी है, उसी के अनुरूप कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधिक कुछ बोलने के लिए उन्हें अभी अध्ययन करना होगा. इसके बाद ही वह कुछ बोल पाएंगे.

रामसूरत राय
रामसूरत राय

By

Published : Oct 5, 2021, 4:54 PM IST

पटना: आरटीआई (RTI) से खुलासा हुआ है कि जेल में बंद बिहार के 'माननीयों' को सरकार की ओर से पेंशन दिया जा रहा है. जिसके बाद कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. इस बारे में बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय (Ram Surat Rai) ने कहा है कि अगर संविधान के अनुरूप (Constitutional Provision) पेंशन का प्रावधान है तो कुछ भी गलत नहीं है. इस बारे में क्या प्रावधान है, देखना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: JDU का शिवानंद को जवाब, 'जिनके अध्यक्ष सजायाफ्ता हों, वो CM पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकते'

दरअसल, बिहार के आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश ने सजायाफ्ता माननीयों को मिलने वाली पेंशन के बारे में बिहार सरकार से जानकारी मांगी थी. जिसके बाद जो जानकारी सामने आई, वह चौकानेवाली है. एक तरफ जहां सरकारी कर्मचारियों को सजायाफ्ता होने के बाद उन्हें सरकार की तरफ से मिलने वाली सभी सुविधाएं बंद हो जाती है, वहीं बिहार सरकार जेल में बंद बिहार के माननीयों को पेंशन के तौर पर 54.72 लाख रुपए हर महीने दे रही है. जबकि इनमें से कई पर आरोप भी तय हो चुके हैं और सजा काट रहे हैं. कई जमानत पर जेल से बाहर हैं. सजायाफ्ता माननीय भ्रष्टाचार से लेकर हत्या और रेप जैसे मामलों में जेल में बंद हैं.

रामसूरत राय का बयान

ये भी पढ़ें: बिहार की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी, तीसरी लहर में कैसे होगा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन?

इस बारे में बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि संविधान के अनुरूप जो भी प्रावधान है, उसका पालन होना चाहिए. अगर हमारे संविधान में सजायाफ्ता को पेंशन नहीं मिलना है, फिर भी मिल रहा है तो यह गलत है. वहीं अगर नियम है कि पेंशन मिलना चाहिए और उन्हें मिल रहा है तो ठीक है.

मंत्री ने कहा कि कानून में क्या प्रावधान है, इस बारे में मुझे गहराई से जानकारी नहीं है, लेकिन मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि संविधान में जो भी प्रावधान है, उसका पूरा-पूरा पालन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधिक कुछ बोलने के लिए उन्हें अभी अध्ययन करना होगा और इसके बाद ही वह कुछ बोल पाएंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details