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जलजमाव से परेशान हैं लोग, सरकार सदन में दिखा रही है बड़बोलेपन: रामचंद्र पूर्वे - Political news

रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि पाटलिपुत्र का अपना इतिहास रहा है. कई बड़े विद्वान ने भी पाटलिपुत्र के जल प्रबंधन के बारे में उस समय में अपनी किताब में लिखा है कि सबसे अच्छा जल प्रबंधन की व्यवस्था पाटलिपुत्र नगर का ही था.

रामचंद्र पूर्वे

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Published : Jul 10, 2019, 12:59 AM IST

पटना:राजद के विधान पार्षद रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि मंगलवार को परिषद में नगर विकास विभाग और लोक अभियंत्रण विभाग के बजट पर चर्चा हो रही थी. इसी दौरान हमने कहा कि सरकार को सबसे पहले पटना में हो रहे भीषण जलजमाव पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के मंत्री सिर्फ बयानबाजी करते हैं.

रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि मंत्री बार-बार यह कहते नजर आते हैं कि 1 साल में सब कुछ ठीक हो जाएगा. लेकिन राजधानी पटना की जनता की समस्याओं को नहीं देख रहे हैं. राजधानी पटना में भीषण जल जमाव है और लोगों को घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है. यहां तक कि स्थानीय मार्केट भी बंद हो गए हैं और सरकार सदन में बड़बोलेपन दिखा रही है.

रामचंद्र पूर्वे का बयान

'पाटलिपुत्र का रहा है अपना इतिहास'
राजद नेता ने कहा कि पाटलिपुत्र का अपना इतिहास रहा है. कई बड़े विद्वान ने भी पाटलिपुत्र के जल प्रबंधन के बारे में उस समय में अपनी किताब में लिखा है कि सबसे अच्छा जल प्रबंधन की व्यवस्था पाटलिपुत्र नगर का ही था. लेकिन वर्तमान में सरकार ने जो 12 प्रमुख नालियां है, उसकी उड़ाही ही करवाना बंद कर दिया है. यही कारण है कि समय से नाली उड़ाही नहीं होने के कारण शहर में जल जमाव की स्थिति बनी हुई है. कई ऐसे इलाके हैं जहां पर की हल्की बारिश होने पर भी भीषण जलजमाव का सामना लोगों को करना पड़ रहा है.

'सरकार के जवाब से हम संतुष्ट नहीं'
रामचंद्र पूर्वे ने आरोप लगाया कि शहर के प्रमुख नाली का उड़ाही समय पर नहीं करवाया जाता है. यही कारण है कि राजधानी पटना में भी जल जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि पटना में 300 से ज्यादा स्लम बस्तियां हैं, जहां पर जल निकासी की कोई योजना सरकार के पास नहीं है. स्लम बस्तियों में जल जमाव होने के कारण गरीब लोगों को काफी परेशानियां होती है. निश्चित तौर पर सरकार जो सदन में जवाब देती है, उससे हम संतुष्ट नहीं हैं. यही कारण रहा कि आज हमने सदन में कार्य बहिष्कार किया है. सरकार जब तक इन सब मुद्दों पर सचेत होकर काम नहीं करती है तब तक हम सरकार के इस तरह के बजट भाषण का बहिष्कार करते रहेंगे.

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