पटना: मुंबई के बाद देश का दूसरा बड़ा कैंसर अस्पताल महावीर कैंसर संस्थान के 25 वर्ष पूरे हो गये. इसी के उपलक्ष्य में संस्थान का रजत जयंती समारोह मनाया गया. समारोह का उद्घाटन राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दीप जलाकर किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने महावीर कैंसर संस्थान में बिहार के पहले अत्याधुनिक जेनेटिक और मॉलिक्यूलर लैब का उद्घाटन भी किया.
स्मारिका 'मुस्कान' का लोकार्पण:बता दें कि महावीर कैंसर संस्थान के रजत जयंती के अवसर पर राज्यपाल ने स्मारिका 'मुस्कान' का लोकार्पण किया. इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित जापान यूनिवर्सिटी के डॉ मैको साकामोटो को राज्यपाल ने प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया. राज्यपाल ने कहा कि मानवता की सेवा में महावीर कैंसर संस्थान का योगदान पूरी दुनिया में अनुकरणीय है.
1998 में संस्थान का उद्घाटन: महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि महावीर मंदिर द्वारा महावीर कैंसर संस्थान की स्थापना का निर्णय 1995 में लिया गया था तब के अविभाजित बिहार में कोई कैंसर अस्पताल नहीं था. 12 दिसंबर 1998 को दलाई लामा ने महावीर कैंसर संस्थान का उद्घाटन किया था. 650 बेड का यह विशिष्ट अस्पताल पूर्वी-उत्तर भारत का सबसे बड़ा कैंसर अस्पताल है.
संस्थान में कई महानुभावों का आगमन: इस संस्थान में अब तक जिनका आगमन हुआ है, उनमें तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, तत्कालीन उप राष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत, तत्कालीन राज्यपाल और बाद में राष्ट्रपति हुए रामनाथ कोविन्द आदि प्रमुख हैं. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि 30 दिसंबर 2005 को तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने पेडिएट्रिक कैंसर वार्ड के उद्घाटन समारोह में जब उनसे कहा कि क्या अस्पताल के जिन कैंसर पीड़ित बच्चों से वे मिले हैं, उनके निःशुल्क इलाज की घोषणा वे कर सकते हैं.