पटना:बिहार में शराबबंदी की चर्चा दूसरे राज्यों में भी होने लगी है. इसके चलते वहां भी शराबबंदी की मांग उठने लगी है. राजस्थान भी उन्हीं राज्यों में से एक है. राजस्थान सरकार ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी का अध्ययन कराने का फैसला लिया है. इसके चलते राजस्थान सरकार ने प्रदेश में अपनी 5 सदस्यीय एक्साइज टीम भेजी है. राजस्थान के एक्साइज विभाग की टीम ने बिहार में अध्ययन भी शुरू कर दी है.
राजस्थान में उठी शराबबंदी की मांग, CM अशोक गहलोत ने अपनी टीम को भेजा बिहार
सीआर देवासी के अनुसार राजस्थान सरकार को एक्साइज से 15 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है. इसलिए इतना बड़ा राजस्व मिलने के कारण राजस्थान सरकार सभी क्षेत्र पर अध्ययन करा कर देख लेना चाहती है.
राजस्थान के एक्साइज विभाग के कमिश्नर सीआर देवासी के नेतृत्व में राजस्थान टीम अध्ययन करने पटना पहुंची. सीआर देवासी के नेतृत्व में 5 सदस्य टीम की मानें, तो राजस्थान सरकार यह अध्ययन कराना चाहती है कि बिहार में शराबबंदी का राजस्व पर कितना असर पड़ा है. शराबबंदी के बाद पर्यटन पर कितना असर पड़ा और महिलाओं से संबंधित क्राइम पर कितना असर पड़ा है. साथ ही रोड एक्सीडेंट पर भी शराबबंदी का कितना असर पड़ा है. इन सब मुद्दों पर टीम अध्ययन करेगी. अध्ययन के लिए टीम गोपालगंज, नालंदा और राजगीर सहित कई जिलों में जाएगी. वहां, महिलाओं और पर्यटकों से बात करेगी.
- टीम के अन्य सदस्यों में गजेंद्र सिंह, असिस्टेंट एक्साइज ऑफिसर, ईश्वर चौहान, एक्साइज ऑफिसर, संजय, एक्साइज ऑफिसर शामिल हैं. राजस्थान सरकार ने जो टीम भेजी है वो यहां ये भी देखेगी कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद भी शराब की बिक्री हो रही है या नहीं.
क्या बोले एक्साइज कमिश्नर
सीआर देवासी के अनुसार राजस्थान सरकार को एक्साइज से 15 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है. इसलिए इतना बड़ा राजस्व मिलने के कारण राजस्थान सरकार सभी क्षेत्र पर अध्ययन करा कर देख लेना चाहती है. शराबबंदी को लेकर राजस्थान में लोगों की मांग भी जोर पकड़ रही है. बिहार में शराबबंदी के 3 साल से अधिक हो चुके हैं और इसकी चर्चा कई राज्यों में होने लगी है. वहां भी शराबबंदी की मांग होने लगी है. राजस्थान के अधिकारी बिहार के शराबबंदी की तारीफ भी कर रहे हैं. सीआर देवासी के अनुसार राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने टीम तैयार कर बिहार भेजा है.