पुणे/पटना: पुणे में दीवार गिरने से 17 लोगों की मौत हो चुकी है. इस हादसे में बाल-बाल बचे और अपने दो भाईयों को खो चुके एक पीड़ित ने अपनी आपबीती सुनाई. उसने बताया कि दीवार के मलबे में मैं भी दबा था, लेकिन मेरी किस्मत अच्छी थी कि मैं बच गया. हादसे के बाद मैं जोर से चिल्लाने लगा, जिसके बाद कुछ लोगों ने आकर मुझे बाहर निकाला.
पीड़ित ने बताया कि हादसा रात के डेढ़ बजे हुआ. उस वक्त हम सभी सो रहे थे. दीवार गिरने से हम सभी उसमें दब गये. नींद खुली तो हमें लगा कि बगल वाली बिल्डिंग गिर गई है. मैं जोर-जोर से बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगे. मेरी आवाज सुनकर दो-तीन आदमी आये और मुझे खींचकर बाहर निकाला. बाहर निकलकर मैंने देखा कि कई लोग मलबे में दबकर मर गये हैं. इस हादसे में मेरे दो भाईयों की भी मौत हो गई है.
जानकारी देते पीड़ित व प्रत्यक्षदर्शी बारिश के कारण गिरी दीवार
वहीं, घटना के बार में यासिर नाम के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मैंने हादसे के बाद पुलिस, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड को फोन किया. सबसे पहले पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने नीचे जाकर मलबा हटाना शुरू किया. मलबे में एक व्यक्ति दबा था जिसकी सांस चल रही थी. लेकिन वो बुरी तरह से फंसा हुआ था. उसका सिर्फ हाथ बाहर की तरफ था.
प्रत्यक्षदर्शी ने सुनाई आंखों देखी
यासिर ने बताया कि लोगों को नीचे से ऊपर लाने के लिये हमारे पास स्ट्रेचर नहीं था. इस कारण हम उसे ऊपर नहीं ला सके और उसकी भी मौत हो गई. इस हादसे में लगभग सभी की मौत हो गई है. प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि पत्थर और मलबा इतना ज्यादा था कि हमलोग हिला भी नहीं पा रहे थे.
सोसाइटी की 60 फीट की बाउंड्री वॉल गिरी
बता दें कि शुक्रवार की रात 1 बजकर 40 मिनट पर पुणे के कोंढ़वा इलाके में तालाब मस्जिद के पास एक सोसाइटी की 60 फीट की दीवार पास की झुग्गियों पर गिर गई. इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में चार बच्चे भी शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक ये लोग कंस्ट्रक्शन का काम करने वाले बिहार और बंगाल के मजदूर हैं.