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सीतामढ़ी को ODF घोषित किए जाने पर सदन के अंदर और बाहर विपक्ष का हंगामा - Bihar News

मालूम हो कि भारत स्वच्छता अभियान के तहत सरकार ने सीतामढ़ी को 18 जुलाई 2018 को सूबे का पहला ओडीएफ घोषित किया गया था. जिसके सीतामढ़ी जिला खुले में शौच मुक्त माना जाने लगा

हंगामा

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Published : Jul 11, 2019, 5:09 PM IST

Updated : Jul 12, 2019, 4:46 PM IST

पटनाःबिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष सरकार पर लगातार दबाव बना रहा है. सत्र के दौरान तमाम विपक्षी पार्टियों ने चमकी बुखार का मामला, पीएमसीएच ड्रग्स मामला, मॉब लिंचिंग मामला और फर्जी राशन कार्ड मामले जैसे अहम मुद्दे उठाए. वहीं, आज दसवें दिन सीतामढ़ी को गलत तरीके से बिहार का पहला ओडीएफ जिला घोषित करने के मामले को लेकर सदन के बाहर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया.

सदन के बाहर विपक्ष का हंगामा
सदन के बाहर सरकार का विरोध कर रहे राजद एमएलसी डॉ. रामचंद्र पूर्वे ने सरकार पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कहा कि चाहे ओडीएफ घोषित करने का मामला हो, या भ्रष्टाचार का मामला, या फिर सूबे में अपराध का मामला सभी के आगे सरकार घुटने टेक चुकी है. इसलिए नैतिकता के आधार पर ऐसी सरकार को एक भी मिनट सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं है.

विपक्ष का हंगामा

क्या बोले प्रेमचंद्र मिश्रा
वहीं, कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि सरकार की तरफ से सीतामढ़ी को बिहार का पहला ओडीएफ घोषित किया गया था, जो झूठ साबित हुआ है. जिले के हजारों घरों में शौचालय नहीं बना है और करोड़ों के भुगतान हो गए हैं. ये अपने आप में एक बड़ा गबन का मामला है. सरकार इस पर जवाब दे.

विपक्ष ने कहा भ्रष्टाचार का बड़ा मामला
मालूम हो कि भारत स्वच्छता अभियान के तहत सरकार ने सीतामढ़ी को 18 जुलाई 2018 को सूबे का पहला ओडीएफ घोषित किया गया था. जिसके सीतामढ़ी जिला खुले में शौच मुक्त माना जाने लगा. लेकिन बीते दिनों मीडिया ने इस बात को उजागर किया कि यह दावा झूठ है और जिले के हजारों घरों में शौचालय नहीं है. इसके बाद से विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार पर लगातार निशाना साध रही है. विपक्ष ने इसे भ्रष्टाचार का बड़ा मामला बताया है.

Last Updated : Jul 12, 2019, 4:46 PM IST

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