पटना: बिहार के दानापुर में अपराधियों ने सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता और दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष की गोली मारकर हत्या (JDU Leader Shot Dead In Danapur) कर दी है. मामला सत्ताधारी दल के नेता से जुड़े होने के कारण घटना को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बिहार में नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है.
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हत्या, बवाल, पुलिस चौकी में तोड़फोड़: दीपक के घर के मेन गेट पर हुई इस वारदात के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर बवाल किया. नासरीगंज पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की. दानापुर-गांधी मैदान मुख्य मार्ग को को जाम कर आगजनी की. कई गाड़ियों और जेसीबी के शीशे तोड़ डाले. मौके पर पहुंची पुलिस को उग्र भीड़ ने खदेड़ डाला. हालात को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती इलाके में कर दी गयी थी. देर रात इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई थी. लोग काफी गुस्से में हैं, उनका कहना है कि लगता है बिहार में नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है.
उपेंद्र कुशवाहा के करीबी जेडीयू नेता : जानकारी के मुताबिक, मृतक दीपक मेहता, जदयू संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा के करीबी थे. दीपक ने दानापुर विधानसभा से उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी से चुनाव भी लड़ा था. दीपक की हत्या के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. वहीं, इस घटना के बाद जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दीपक मेहता के हत्यारों के जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की है.
क्या यही है बिहार का सुशासन? :बता दें कि बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाएं नीतीश कुमार की सरकार के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही हैं. बढ़ते अपराध को लेकर विपक्षी सरकार को घेर रहे हैं तो वहीं सहयोगी बीजेपी के नेता भी इसे लेकर सवाल उठाते रहे हैं. क्योंकी नीतीश कुमार के बिहार में हवलदार की थाने में मॉब लिंचिंग हो जाती है, मुख्यमंत्री के होम डिस्ट्रिक्ट में खून की होली खेली जाती है, इतना ही नहीं लोगों को तेजाब से नहला दिया जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यही है बिहार का सुशासन?