पटना:बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चरके क्षेत्र में कई काम हुए हैं, राजधानी पटना पर सरकार का ध्यान केंद्रित है. पटना में लोहिया पत्र चक्र के अलावा फ्लाईओवर और पुल का निर्माण हुआ है. बिहार में बिजली के क्षेत्र में बेहतर काम हुए हैं राष्ट्रीय स्तर पर भी बिहार की प्रशंसा होती है, वर्तमान में बिहार में अधिकतम औसत बिजली की खपत 6700 मेगावाट है जबकि बिजली का आवंटन लगभग 7000 मेगावाट है. सरकार का दावा है कि बिहार 10000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रही है.
लगातार हो रहा है पुल निर्माण: राज्य के अंदर पुल पुलिया का निर्माण भी हुआ है, फिलहाल 23 जिलों में 250 पुल पुलिया के निर्माण को स्वीकृति दी जा चुकी है और मार्च 2024 तक निर्माण कार्य को पूरा किया जाना है. मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, बक्सर, भोजपुर, सारण, किशनगंज, समस्तीपुर, सुपौल, सहरसा, अरवल, सीतामढ़ी, औरंगाबाद, मोतिहारी, मधुबनी और मधेपुरा जिले में पुल पुलिया का निर्माण होना है. राज्य में डेढ़ दशक में 1695 पुल पुलिया का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, इस पर कुल 57241 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
तीसरे चरण में सड़कों का निर्माण: ग्रामीण सड़कों का निर्माण भी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है, 100 की संख्या में आबादी वाले बसावटों को भी सड़कों से जोड़ा जा रहा है. साल 2005-06 से साल 2022-23 तक 10569 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हो चुका है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तीसरे चरण में 6162 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाना है.
हो रही है निजी क्षेत्र की भी भागीदारी: बता दें कि तेजी से विकास के लिए और निजी क्षेत्र की भागीदारी को आकर्षित करने के लिए बिहार राज्य बुनियादी ढांचा विकास सक्षम अधिनियम 2006 के तहत बिहार सरकार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बुनियादी ढांचा विकास प्राधिकरण (आईडीए) का गठन किया गया है. बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की डिजाइनिंग, वित्तपोषण और निर्माण, यह राज्य में पीपीपी पहल के लिए नोडल एजेंसी है.
चार एनएच सड़क का निर्माण:बिहार में चार एनएच सड़क का निर्माण भी होना है, लगभग 338 किलोमीटर सड़क का निर्माण मार्च 2024 तक सड़क निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. नरेनपुर पूर्णिया, अररिया गलगलिया, पिपरा कोठी मोतिहारी, रक्सौल और पटना गया डोभी सड़क शामिल है. लगभग 800 करोड़ के लागत से निर्माण कार्य को पूरा किया जाना है.