पटना:राज्य सरकार के शिक्षकों, 2012 के पहले टीईटी और बीएड उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन नहीं देने के मामलें में पटना हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. एक याचिका पर जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय ने सुनवाई की.
राज्य सरकार के शिक्षकों को जो वेतन दिया जाता है. वो वेतन बीएड और टीईटी पास नियोजित शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है. इस मामले पर 15 नवंबर को फिर सुनवाई की जाएगी.
'समान काम, समान वेतन' पर सुप्रीम कोर्ट का रुख
बिहार में 'समान काम, समान वेतन' के लिए नियोजित शिक्षक लगातार अपनी आवाज उठाते रहे हैं. इसके चलते ये मुद्दा सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा. समान काम के लिए समान वेतन को लेकर 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था. इस फैसले से राज्य के तीन लाख 69 हजार नियोजित शिक्षकों को झटका लगा था. ऐसे में पटना हाईकोर्ट के रुख से 2012 के पहले नियुक्त हुए नियोजित शिक्षकों में आशा की नई किरण जागी है.
सुप्रीम कोर्ट में हुई थी सुनवाई शिक्षकों को मिलता है दो तरह का वेतन
- राज्य सरकार शिक्षकों को दो तरह का वेतन भुगतान करती है. नियमित शिक्षकों को राज्य सरकार के कर्मचारी की तर्ज पर पहले लागू वेतनमान के आधार पर वेतन मिलता है.
- वहीं पंचायत और नगर निकाय द्वारा नियुक्ति शिक्षक जिन्हें नियोजित शिक्षक कहा जाता है, उन्हें पहले वेतन के रूप में तय राशि मिलती थी. लेकिन जुलाई 2015 से इनके लिए अलग से वेतनमान तय हुआ.
- इसके बाद से इन लोगों के वेतन में वृद्धि हुई, पर पहले से वेतनमान पा रहे शिक्षकों के अनुपात में इनका वेतन अब भी काफी कम है.
केंद्र और राज्य सरकार ने खड़े किये हाथ
नियोजित शिक्षकों को पुराने शिक्षकों की तर्ज पर वेतन देने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार ने हाथ खड़े कर दिये थे. दोनों सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि नियोजित शिक्षकों और पुराने शिक्षकों की नियुक्ति अलग-अलग शर्तों पर हुई है. साथ ही पुराना वेतनमान देने को लेकर अपनी आर्थिक असमर्थता भी बतायी.
किसको कितना वेतन
बिहार में नियोजित शिक्षक (प्रशिक्षित) को 24 हजार से 32 हजार रुपये मिलते हैं. वहीं, नियोजित शिक्षक (अप्रशिक्षित) को 13 हजार से 20 हजार रुपये मिलते हैं. दूसरी तरफ नियमित शिक्षक (पुराने वेतनमान) को 75 हजार और इससे अधिक बिहार सरकार भुगतान करती है.