पटना: बिहार सरकार ने सुदूर इलाकों से राजधानी पहुंचने का लक्ष्य 5 घंटे रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए बिहार सरकार हाईवे एक्ट बनाने की तैयारी कर रही है. इस एक्ट के जरिए हाईवे के चौड़ीकरण में आ रही परेशानी को दूर किया जा सकेगा. चौड़ीकरण में हो रही परेशानी को देखते हुए बिहार सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है. बजट सत्र में इस अधिनियम को लाने की तैयारी तेजी से हो रही है.
विभाग ने दिया है सीएम को प्रजेन्टेशन
दरअसल बिहार में 5300 किलोमीटर नेशनल हाईवे और 4000 किलोमीटर स्टेट हाईवे है, जिसे लेकर सड़कों के निर्माण और रख-रखाव के प्रावधान होंगे. इस विशेष अधिनियम के तहत सड़क के किनारे घर बनाने के लिए भी विशेष नियम बनाए जाएंगे. विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा है कि मामला अभी कंसल्टेंसी स्तर तक गया है. सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री के स्तर पर भी बैठक हो चुकी है. सीएम के सामने पथ निर्माण विभाग ने भी प्रजेंटेशन दिया है.
एक्ट से हाईवे चौड़ीकरण में नहीं होगी बाधा
चौड़ीकरण का काम इसलिए आसानी से नहीं हो पाता क्योंकि सड़क के किनारे घर बनाए गए हैं, लेकिन अब सरकार इससे निपटने के लिए कानून बनाने जा रही है. इस कानून के बनने के बाद नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के किनारे घर बनाना आसान नहीं होगा. नीतीश सरकार अगले महीने हो रहे बजट सत्र में इस अधिनियम को लाने की तैयारी कर रही है. पथ निर्माण विभाग ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है. इस अधिनियम के बन जाने से नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के निर्माण के साथ-साथ रखरखाव में भी मदद मिलेगी.
जमीन अधिग्रहण बड़ी चुनौती
बिहार में अभी 5300 किलोमीटर नेशनल हाईवे सड़क हैं, तो वहीं 4005 किलोमीटर स्टेट हाईवे की सड़कें और 12797 किलोमीटर मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड है. ग्रामीण सड़कें भी 95 हजार किलोमीटर से अधिक हैं. बिहार में सबसे अधिक परेशानी स्टेट हाईवे से एनएच हाईवे में केंद्र स्वीकृति पथों को लेकर है. क्योंकि स्टेट हाईवे में कई स्थानों पर अतिक्रमण की समस्या है और उसके चौड़ीकरण में जमीन अधिग्रहण करना एक बड़ी चुनौती है.