पटना: नहाय-खाय के साथ गुरुवार को छठ महापर्व की शुरुआत हो गई. शुक्रवार को छठव्रती खरना का प्रसाद बनाने में जुटी हैं. फिर शनिवार को व्रती पटना के घाट पर सूर्य देव को पहला अर्घ्य देने पहुंचेंगी. इसे लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क दिख रहा है. राजधानी के तमाम घाटों पर प्रशासन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं.
सीसीटीवी कैमरे से हो रही निगरानी
पटना का कलेक्ट्री घाट, गांधी घाट, बरहरवा घाट और पटना लॉ कॉलेज घाट पर व्यवस्थाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं. इन घाटों पर जिला प्रशासन ने नियंत्रण कक्ष के साथ-साथ व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम और मेडिकल कैंप की भी व्यवस्था की है. घाटों पर सीसीटीवी कैमरे के जरिए निगरानी की जा रही है. शुक्रवार से गंगा नदीं में नावों के परिचालन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है.
लोगों से आतिशबाजी नहीं करने की अपील आतिशबाजी नहीं करने की अपील
श्रद्धालुओं के मार्गदर्शन के लिए प्रशसान ने जगह-जगह पर पोस्टर लगाए है. पोस्टरों के माध्यम से लोगों से घाटों पर आतिशबाजी ना करने की अपील की गई है. नहाय-खाय के दिन से ही एनडीआरएफ की टीम गंगा नदी में लगातार गश्ती कर रही है. जो की रविवार को होने वाले सुबह के अर्घ्य तक चलती रहेगी. पटना के घाटों पर गोताखोर भी लगाए गए हैं.
पटना के 100 से ज्यादा घाटों पर दिए जाएंगे अर्घ्य
बता दें कि पटना में 100 से ज्यादा घाट बनाए गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक 25 घाट पर अब भी दलदल की स्थिति है. ऐसे घाटों को खतरनाक घोषित किए गए है. प्रशासन श्रद्धालुओं से खतरनाक घोषित घाटों पर नहीं जाने की अपील की है.
'छठ पूजा के घाटों पर ना करें नावों का प्रयोग'
पटना के इन घाटों पर ना जाएं
सिपाही घाट, बीएन कॉलेज घाट, बांकीपुर घाट, खाजेकलां, पत्थर घाट, अदरक घाट, गरेरिया घाट, पिरदमड़िया, नंदगोला, बुन्देल टोली घाट और दमराही घाट सहित अन्य संवेदनशील घाटों को खतरनाक घोषित किए गए हैं.