पटना :लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए रेलवे ने ट्रेन चला दी है. तेलंगाना से पहली स्पेशल ट्रेन 1200 मजदूरों को लेकर शुक्रवार को झारखंड के लिए रवाना हुई है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिहार के लिए प्रवासी मजदूरों या छात्रों को लाने के लिए कोई ट्रेन चलेगी या नहीं?
इस बीच, कांग्रेस एमएलसी प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि, 'कल तक बिहार सरकार केंद्र की नीतियों का हवाला देकर मामले को टाल रही थी. अब जब केंद्र ने मंजूरी दे दी है, तो साधन नहीं होने का बहाना बना रहे हैं. हकीकत यह है कि, बिहार सरकार मजदूरों और छात्रों को वापस लाना ही नहीं चाहती है.' उन्होंने सवाल किया कि अगर झारखंड के मजदूरों के लिए ट्रेन चल पड़ी है तो बिहार के मजदूरों और छात्रों के लिए क्या तैयारी है.'
झारखंड के लिए ट्रेन, बिहार के लिए क्यों नहीं
लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को अपने गृह राज्य में भेजने की कवायद शुरू हो गई है. इसी क्रम में शुक्रवार सुबह साढ़े चार बजे तेलंगाना के लिंगमपल्ली स्टेशन से झारखंड के रांची स्थित हटिया स्टेशन के लिए एक ट्रेन रवाना हुई है. 24 कोच वाले इस ट्रेन में 1200 लोग सवार हैं.
सीएम नीतीश कुमार को एक ऑफर दिया था.
इससे पहले, बिहार सरकार ने गुरुवार को केंद्र सरकार से प्रवासी मजदूरों और छात्रों को लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की थी. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि बिहार में बसों की सीमित उपलब्धता है और प्रवासी मजदूरों की जितनी संख्या विभिन्न राज्यों में हैं, उससे सड़क मार्ग से उन्हें लाने में महीनों लग सकता है.