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प्रशांत किशोर की नई राह, 'बात बिहार की' - चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर

नीतीश कुमार के साथ मेरा विशुद्ध रूप से राजनीतिक संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई गांधी और गोडसे की अलग-अलग विचारधारा को एक पटरी पर लाने के खिलाफ है.

प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर

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Published : Feb 18, 2020, 12:16 PM IST

पटना : जिन बातों का पिछले कई दिनों से कयास लगाया जा रहा था उसपर प्रशांत किशोर ने विराम लगा दिया है. प्रशांत किशोर से साफ-साफ शब्दों में कहा कि वह किसी पार्टी से नहीं जुड़ने जा रहे हैं और ना ही किसी पार्टी के लिए काम करेंगे. पीके ने कहा कि आगामी 20 फरवरी से वह 'बात बिहार की' कैंपेन चलाने जा रहे हैं.

प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरा सपना है कि आने वाले 10 सालों में बिहार को देश के 10 अग्रणी राज्यों में लाकर खड़ा करना है. इसके लिए जो भी लोग हमारे साथ जुड़ेंगे उनका हम स्वागत करेंगे. अगर नीतीश कुमार या सुशील मोदी भी जुड़ना चाहें तो उनका भी स्वागत हैं.

प्रशांत किशोर

'20 मार्च तक 10 लाख सदस्यों का लक्ष्य'

प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक जिवित हूं बिहार के लिए समर्पित हूं. बिहार में चुनाव लड़ने/लड़ाने नहीं आया हूं. नवयुवक को आगे लाना है. 20 मार्च तक 10 लाख लोगों को इसमें रजिस्टर करवाना है.

'पिछलग्गू बनने से काम नहीं चलेगा'

पीके ने कहा कि दूसरे राज्यों के लोग बिहार क्यों नहीं आ रहे हैं? सिर्फ बिहार के लोग ही बाहर क्यों जा रहे हैं? पिछलग्गू बनने से काम नहीं चलेगा. सिर्फ लालू राज की तुलना करने से क्या लाभ है? आप अपनी तुलना महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात से क्यों नहीं करते हैं?

'15 साल में कुछ नहीं बदला'

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से पूछा कि अगले 10 साल में बिहार के लिए क्या ब्लू प्रिंट है, आप जनता को बताइए. उन्होंने एक आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि बिहार को अग्रणी राज्यों में लाना है तो प्रति व्यक्ति आय 8 गुणा करनी होगी. 15 साल पहले भी आप 22वें नंबर पर थे और आज भी वहीं खड़े हैं.

तेजस्वी के बहाने वार

अप्रत्यक्ष रूप से प्रशांत किशोर ने तेजस्वी के बहाने नीतीश कुमार पर वार किया. उन्होंने कहा कि अगर कोई बिहार का लड़का फेसबुक ट्विटर चलाना चाहते हैं तो आप माजाक क्यों उड़ाते हैं. आखिर कब तक बिहार पिछड़ा रहेगा.

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