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प्रशांत किशोर का कार्यक्रम 'बात बिहार की' शुरू, इतने लोग जुड़े - नीतीश कुमार

पटना में प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉफ्रेंस कर कहा था कि, 'जब तक जीवित हूं बिहार के लिए पूरी तरह समर्पित हूं, मैं कहीं नहीं जाने वाला हूं. मैं आखिरी सांस तक बिहार के लिए लड़ूंगा, मैं ऐसे लोगों को जोड़ना चाहता हूं, जो बिहार को अग्रणी राज्यों की दौर में शामिल करना चाहते हैं.'

प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर

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Published : Feb 21, 2020, 12:22 AM IST

पटना:बिहार विधानसभा चुनाव आने में अभी वक्त है, लेकिन बिहार में सियासी गर्मी की तपिश का एहसास अभी से होने लगा है. कुछ दिनों पहले पार्टी से निकाले गए प्रशांत किशोर ने सार्वजनिक तौर पर नीतीश कुमार को पिछलग्गू बताकर हमला किया और 'बात बिहार की' कार्यक्रम की शुरुआत करने का ऐलान किया.

प्रशांत किशोर ने गुरुवार को 'बात बिहार की' कार्यक्रम लांच कर दिया. अभियान शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर 3 लाख 33 हजार 49 लोग जुड़ गए.पटना, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, समस्तीपुर और मधुबनी टॉप पांच जिलों में रहे। दरभंगा और सारण में भी 10-10 हजार से अधिक लोगों से रजिस्ट्रेशन कराया.

कहा से कितने लोग ने जुड़े ?
पटना से 27710 लोग, मुजफ्फरपुर में 14443, मोतिहारी में 11762, समस्तीपुर में 10931 और मधुबनी में 10909 लोगों ने बात बिहार की में अपना रजिस्ट्रेशन कराया. वहीं दरभंगा में 10870 जबकि सारण में 10636 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.

क्या है 'बात बिहार की'

'बात बिहार की' कार्यक्रम की शुरुआत आज से शुरू हो गई है. प्रशांत किशोर के इस अभियान की शुरुआत में ही ढाई लाख से ज्यादा लोगों ने समर्थन दिया है. यह कार्यक्रम उन लोगों के पंजीकरण के साथ शुरू होगी, जो कार्यक्रम से जुड़कर, समान विचारधारा वाले लोगों के एक ऐसे समूह का हिस्सा बनना चाहते हैं और जो अगले 10-15 वर्षों में बिहार को देश के शीर्ष 10 राज्यों में देखना चाहते हैं.

इस कार्यक्रम से जुड़ने के इच्छुक व्यक्ति 20 फरवरी सुबह 11 बजे के बाद 'डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट बात बिहार की डॉट इन' पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं या फिर 6900869008 पर मिस कॉल देकर इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं.

बिहार में बदलाव के लिए काम करेंगे

बता दें कि अलग-अलग चुनावों में अलग-अलग नीतियों वाली पार्टियों के लिए लुभावने नारे गढ़ने वाले चुनावी प्रबंधक प्रशांत किशोर ने मंगलवार को ऐलान किया था कि वह कोई नया दल नहीं बनाने जा रहे हैं. वह सिर्फ बिहार में बदलाव के लिए काम करेंगे.

नीतीश कुमार को उन्होंने 'पितातुल्य' बताया था

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उन्होंने 'पितातुल्य' बताया था और कहा था कि उनका हर फैसला उन्हें मंजूर है. हालांकि इसके तुरंत बाद ही वे नीतीश सरकार के 15 साल के शासनकाल की कमियां भी गिनाने लगे. वहीं बीजेपी के साथ सरकार बनाने को लेकर भी उन्होंने नीतीश पर सवाल उठाए थे, लेकिन जेडीयू ने पलटवार करते हुए कहा था कि प्रशांत किशोर की ऐसी हैसियत नहीं की वो सवाल खड़े कर सके और जेडीयू इसका जबाव दे.

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