पटनाःमुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहली वर्चुअल रैली पर सियासत शुरू है. मुख्यमंत्री के निश्चय संवाद के दौरान जिस प्रकार से सोशल साइट पर रिजेक्ट और डिसलाइक सेंड कर रहा था. उसको लेकर सत्तापक्ष ने कहा कि यह विपक्ष की साजिश है. वहीं आरजेडी ने कहा सुशासन का जो महल बना कर रखा है, वह फुस हो गया है. वहीं विशेषज्ञ कह रहे हैं कि माइग्रेंट और शिक्षकों में जो नाराजगी है, उसका भी असर हो सकता है.
रिजेक्ट-डिसलाइक पर सियासत
मुख्यमंत्री की वर्चुअल रैली को लेकर जदयू की ओर से पिछले 2 महीने से तैयारी चल रही थी. रैली दो बार स्थगित भी हुई. लेकिन मुख्यमंत्री ने जब वर्चुअल रैली में संबोधन किया तो ढाई घंटे से भी अधिक बोलने का रिकॉर्ड बनाया. रैली के दौरान जिस प्रकार से सोशल साइट्स पर रिजेक्ट और डिसलाइक ट्रेंड करने लगा, उस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जदयू का दावा रहा है कि रैली अभूतपूर्व रहा. लेकिन विपक्ष ने डिसलाइक और रिजेक्ट साजिश के तहत ट्रेंड करने की कोशिश की.
CM की पहली वर्चुअल रैली पर सियासत शुरू, रिजेक्ट और डिसलाइक पर चर्चा - RJD spokesperson Mrityunjay Tiwari
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहली वर्चुअल रैली पर मिले रिजेक्ट और डिसलाइक पर सियासत शुरू हो गई है. जिसपर सत्तापक्ष ने कहा कि यह विपक्ष की साजिश है.
वोट के समय बताएगी जनता
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि इसमें तेजस्वी यादव की टीम माहिर है और कांग्रेस भी कुछ कम नहीं है. सहयोगी बीजेपी ने भी इसे साजिश बताया और कहा कि जनता वोट के समय बताएगी. इस बार 210 प्लस सीट देकर सरकार बनायेगी.
हवा का सुशासन का महल हुआ फुस
सत्ता पक्ष के आरोप पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि हवा का जो सुशान महल बनाया था. वह फुस हो गया और यह 12 करोड़ जनता का मामला है. यदि इसमें भी उन्हें हम लोगों का हाथ लगता है, तो चलिए हर जगह पानी तो पिला रहे हैं. राजनीतिक विशेषज्ञ इसे शिक्षकों और माइग्रेंट की नाराजगी का कारण बता रहे हैं. विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है कि माइग्रेंट और शिक्षक दोनों सोशल साइट्स पर एक्टिव है और उनकी भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है.
जदयू को नहीं सूझ रहा जवाब
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहली वर्चुअल रैली के लिए पार्टी ने तैयारी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी. पार्टी नेताओं का दावा भी हो रहा है कि 50 लाख से अधिक लोगों ने मुख्यमंत्री की वर्चुअल रैली को देखा है. लेकिन जितने बड़े पैमाने पर लाइक से अधिक डिसलाइक और रिजेक्ट ट्रेंड कर रहा था. उससे कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं. फिलहाल जदयू को उसका जवाब नजर नहीं आ रहा है.