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'चमकी' सियासत: विपक्ष ने कुपोषण को बताया बच्चों की मौत की वजह, BJP बोली- झूठ फैलाने से बाज आएं

चमकी बुखार पर सियासत तेज हो गई है. 'हम' प्रवक्ता ने कहा कि कोई भी अमीर आदमी का बच्चा क्यों नहीं मर रहा है. जितने भी मरे हैं. सब गरीब के बच्चे हैं. कुपोषित हैं तभी बच्चों की मौत हुई है.

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Published : Jun 20, 2019, 8:47 PM IST

पटना: चमकी बुखार ने बिहार में मातम का माहौल हो गया है. लगातार हो रही बच्चों की मौत से स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है. इस दर्दभरी घटना में भी राजनीतिक पार्टियां सियासी रोटी सेंकने से बाज नहीं आ रही है. हम पार्टी के प्रवक्ता ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बच्चे कुपोषित हैं, इसीलिए मर रहे हैं. लेकिन, बीजेपी ने इसको निराधार बताया है.

चमकी बुखार से पीड़ित बच्चा

'हम' का सरकार पर आरोप
हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि जितने भी बच्चों की मौत हो रही है, वे सभी बच्चे कुपोषित हैं. सरकार ने इन बच्चों पर जरा भी ध्यान नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई अज्ञात बीमारी होती तो किसी बड़े लोगों के बच्चे के मरने की खबर क्यों नहीं आ रही है. प्रवक्ता दानिश ने कहा कि बच्चों में कुपोषण पाया जा रहा है. वरना सिर्फ गरीब के बच्चों की मरने की खबर क्यों आ रही हैं. कोई इंजीनियिर या डॉक्टर का बच्चा क्यों नहीं मर रहा है.

चमकी पर सियासत तेज

BJP ने किया आरोपों को खारिज
दानिश रिजवान के कुपोषित वाले बयान पर बीजेपी प्रवक्ता ने सिरे से खारिज कर दिया है. प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा कि कोई बच्चा कुपोषित नहीं है. राज्य के अंदर गरीबों के लिए ढ़ेर सारी योजनाए हैं. उन्होंने हम के प्रवक्ता पर आरोप लगाते हुए कहा कहा कि बच्चों की मौत पर सियासत नहीं होनी चाहिए. वर्तमान में कहीं भी कुपोषित बच्चे होने की खबर नहीं है. किसी के कहने से सच नहीं हो सकता है.

एक सर्व के मुताबिक
एक सर्वे में मालूम चला कि बिहार में करीब 45% बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. 22% बच्चे अति कुपोषित हैं. वहीं, 38 जिलों में से 23 जिले के बच्चे कुपोषित पाए गए हैं. ऐसे में सरकार इन बच्चों के लिए कितना प्रतिबद्ध है. यह तो आंकड़ों से साफ मलूम चल रहा है.

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