पटना:राजद (RJD) के एक ट्वीट को लेकर बिहार में सियासत हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात के दौरान की तस्वीर को टैग करते हुए राजद नेता कारी सोहेब ने कहा कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को बता रहे हैं और दिखा रहे हैं कि राजनीति में रीढ़ की हड्डी कैसे सीधी, मजबूत और टिकाऊ होनी चाहिए. मुख्यमंत्री पर किए गए इस अटैक के बाद एनडीए (NDA) ने राजद पर जोरदार पलटवार किया है.
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युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता अरुण यादव ने कहा कि नीतीश कुमार कि पिछले कुछ सालों के कार्यकाल को देखें तो यह बात साबित होती है कि वो किस तरह सिद्धांतविहीन राजनीति करते हैं, जबकि नेता प्रतिपक्ष ने कभी परिस्थितियों के सामने खुद को झुकने नहीं दिया, नहीं तो वो आज बिहार के मुख्यमंत्री होते.
''नीतीश कुमार सिर्फ सत्ता की राजनीति करते हैं, उन्हें जन सरोकार के मुद्दों से कोई लेना देना नहीं है और यही वजह है कि उनकी राजनीति रीढ़ विहीन है. जबकि हमारे नेता तेजस्वी यादव पूरी मजबूती के साथ जनता के मुद्दों के साथ खड़े होते हैं.''- अरुण यादव, प्रदेश प्रवक्ता, युवा राजद
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राजद नेता के ट्वीट और बयानों पर एनडीए ने पलटवार किया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. विवेकानंद पासवान ने कहा कि अंदरूनी कलह से जूझ रही राजद और इसके नेता पहले खुद के बारे में सोच लें, उसके बाद नीतीश कुमार पर बयान दें.
''जो पार्टी जाति जमात और परिवार तक सिमट चुकी है, वह क्या नीतीश कुमार से बराबरी करेगी और उन्हें नसीहत देगी. 15 साल से नीतीश कुमार बिहार में एनडीए का प्रमुख चेहरा हैं और आगे 5 साल भी वही एनडीए का नेतृत्व करेंगे.''- डॉ. विवेकानंद पासवान, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी
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बता दें कि 23 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार से दस राजनीतिक दलों का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलने गया था. प्रधानमंत्री से मुलाकात में बिहार के सभी दलों ने जातीय जनगणना (Caste Census) की मांग की है. जदयू और राजद के बीच प्रधानमंत्री से इस मुलाकात का श्रेय लेने की होड़ मची है. राजद नेता यह दावा कर रहे हैं कि तेजस्वी यादव की वजह से ही जातीय जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से बिहार के सभी दलों ने मुलाकात की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुलाकात के बाद इसका श्रेय नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को दिया था.