पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले लंबे समय से मीडिया से दूरी बनाकर रखे हैं. यहां तक कि लोक संवाद का कार्यक्रम भी लंबे समय से स्थगित है. लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद केंद्र में बनी मोदी सरकार में भी जेडीयू शामिल नहीं है.
केंद्र में फिर से नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 ए को हटाया गया. जेडीयू उसका विरोध करता रहा. लेकिन, बिल पारित हो गया. उससे पहले तीन तलाक जैसे मुद्दों पर भी जेडीयू का बीजेपी से अलग राय था. मोदी सरकार ने इसे भी समाप्त किया. अब एनआरसी के मुद्दे पर भी बीजेपी नेताओं के बयान से जेडीयू की मुश्किलें बढ़ी हुई है.
पटना से अविनाश की रिपोर्ट क्या कहते हैं पार्टी के नेता?
इस संबंध में जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि नीतीश कुमार सिर्फ काम पर विश्वास करते हैं. बिहार में विकास के लिए उन्होंने कई कार्य किए हैं. वहीं, आरजेडी विधायक वीरेंद्र ने सीएम नीतीश कुमार पर जमरकर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कई मामलों में फंसते नजर आ रहे हैं. इसीलिए बीजेपी उनको दुरुस्त करने में लगी है. भाई वीरेन्द्र ने कहा कि अगर नीतीश कुमार बीजेपी की बात नहीं मानेंगे तो बीजेपी उन्हें सृजन और शेल्टर होम जैसे कई मामलों में अंदर करवा सकती है.
मीडिया से दूर सीएम नीतीश कुमार
नरेंद्र मोदी की सरकार फिर से केंद्र में बनने के बाद नीतीश एक दो मौकों को छोड़कर मीडिया से बात तक नहीं की है. यहां तक कि बिहार विधानसभा का सत्र 1 महीने तक चला और पहली बार ऐसा हुआ कि मुख्यमंत्री मीडिया से बातचीत करने से बचते दिखें. उससे पहले मुजफ्फरपुर में AES से बच्चों की मौत मामले में भी मीडिया के सवालों का जवाब देने से बचे. अब विवादास्पद मुद्दों ने नीतीश कुमार को मीडिया से दूरी बनाए रखने के लिए मजबूर कर दिया है. ऐसे में देखना दिलचस्प है बिहार विधानसभा का चुनाव 2020 में होना है. उससे पहले नीतीश कुमार मीडिया से जो दूरी बनाकर रखे हैं, उसे समाप्त करते हैं या नहीं?