बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Police Remembrance Day: बिहार के शहीद पुलिसकर्मियों को आज दी जाएगी श्रद्धांजलि, इन 8 जवानों ने ड्यूटी के दौरान गंवाई थी जान

बिहार पुलिस मुख्यालय में आज 21 अक्टूबर को पुलिस स्मरण दिवस (Police Remembrance Day In Bihar) के मौके पर बिहार के आठ जांबाज पुलिसकर्मियों को याद किया जाएगा और श्रद्धांजलि दी जाएगी. जहां बिहार के डीजीपी समेत तमाम पुलिस अधिकारी मौजूद रहेंगे.

Police Remembrance Day
Police Remembrance Day

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 21, 2023, 7:51 AM IST

पटनाः पुलिस स्मरण दिवस पर बिहार के आठ पुलिसकर्मी जो 2023 में शहीद हुए हैं, आज उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी. बता दें कि वर्ष 1947 से 2022 तक बिहार पुलिसके कुल 1220 पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य निर्वहन के क्रम में शहीद हुए हैं, जिसमें पुलिस अधीक्षक कर पुलिस उपाधीक्षक 6 पुलिस निरीक्षक 15 पुलिस अवर निरीक्षक 159 पुलिस सहायक अवर निरीक्षक 99 हवलदार 176 और सिपाही 761 यानी कुल 1220 पुलिसकर्मी ने अभी तक कर्तव्य के दौरान अपनी आहुति दी है. वहीं इस साल वर्ष 2023 में कुल 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं.

ये भी पढ़ेंःशहीद पुलिसकर्मियों के सम्मान में पुलिस संस्मरण दिवस, जानें क्या है वीरों का इतिहास

शहीदों में शामिल हैं पुलिस के ये जवानःइस साल शहीद हुए पुलिसकर्मियों में नंदकिशोर यादव जो अररिया के रहने वाले थे और समस्तीपुर के मोहम्मदपुर ओपी प्रभारी के रूप में पदस्थापित थे, अपराधियों से मुठभेड़ हुई और वीरगति को प्राप्त हो गए. सिपाही बाल्मीकि कुमार जो मसौढ़ी जिला पटना के रहने वाले थे, वह सिवान के सिसवन थाना अंतर्गत विशेष छापामारी के दौरान अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में गोली लगने के कारण उनकी मौत हो गई. पुलिस अवर निरीक्षक मोहम्मद अब्बास जो मुंगेर के रहने वाले थे वह नवादा जिले के वारसलीगंज थाना से सरकारी काम हेतु मुफस्सिल थाना जाने के कारण में दुर्घटनाग्रस्त हो गए, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं जिसके बाद इलाज के दरमियान वह शहीद हो गए.

इन पुलिसकर्मियों ने दी शहादतः सहायक अवर निरीक्षक भुवनेश्वर सिंह जोक जिला चंदौली उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे वह सिवान जिला के हुसैनगण थाना में पदस्थापन के दौरान छापेमारी के क्रम में रात्रि में एक तेज गति से आ रही वहां से गश्ती दल की वाहन टकरा गई जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए और इलाज के दरमियान वह शहीद हो गए. सिपाही विक्रांत भारती जो की नासरीगंज रोहतास के रहने वाले थे और बक्सर जिला अंतर्गत सुकरौली थाना में प्रतिस्थापन के दौरान बोलेरो वाहन के द्वारा धक्का मार दी गई जिसमें गंभीर रूप से घायल हो गए इलाज के दौरान शहीद हो गए.

येपुलिसकर्मी भी हुए शहीदःसिपाही रवीश भारती जोक मुजाहिद पुर जिला भागलपुर के रहने वाले थे, नवादा जिला के रजौली थाना में प्रतिस्थापन के दौरान अभियुक्तों की गिरफ्तारी के दौरान ट्रक चालक द्वारा गस्ती बोलेरो को जोरदार टक्कर मार दी गई, जिसमें गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान शहीद हो गए. सहायक अवर निरीक्षक सतीश कुमार जो की दिलदारनगर गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और सीतामढ़ी जिला अंतर्गत चिडावत थाना में पदस्थापन के दौरान कैदी को भागलपुर जेल में पहुंचा कर लौट रहे थे उसी दौरान नवगछिया जिला के परबत्ता थाना अंतर्गत सड़क दुर्घटना में शहीद हो गए. सिपाही राजेश कुमार जोकि डोभी गया के रहने वाले थे गोपालगंज जिला के यादवपुर थाना में प्रतिस्थापन के दौरान शराब माफियाओं के विरुद्ध छापेमारी के क्रम में नदी में नव दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण शहीद हो गए.

पूरे देश में शहीद हुए पुलिसकर्मीः वहीं अगर हम बात करें पूरे देश कि तो आंध्र प्रदेश में 1, अरुणाचल प्रदेश 2, असम 2, बिहार 8, छत्तीसगढ़ 19, गुजरात 2, हिमाचल प्रदेश 7, झारखंड 2, कर्नाटक 2, मध्य प्रदेश 18, महाराष्ट्र 6, मणिपुर 8, नागालैंड 2, ओड़िशा 1, पंजाबी 3, राजस्थान 1, तमिलनाडु 3, उत्तर प्रदेश 3, उत्तराखंड 4, पश्चिम बंगाल 4, दिल्ली 3, जम्मू एवं कश्मीर 8, लद्दाख में 1,असम राइफल्स 1, बीएसएफ 22, सीआईएसफ 1, सीआरपीएफ 15, आइटीबीपी 5, एसएसबी 5, एनडीआरएफ 1, आरपीएफ 13 यानी कुल 189 जवान साल 2023 के 31 अगस्त तक शहीद हुए हैं. पूरे देश में इन शहीद जवानों को शहीद स्मरण दिवस 21 अक्टूबर को पर याद किया जाएगा.

1961 से मनाया जा रहा पुलिस स्मरण दिवसःसे बता दें कि पुलिस स्मरण दिवस हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है. इसका ऐतिहासिक कारण यह है कि 21 अक्टूबर 1959 में भारत चीन सीमा पर लद्दाख की बर्फीलि ऊंचाइयों पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक टोकरी पर चीनी आक्रमणकारियों द्वारा किए गए हमले में 10 बहादुर जवान अंतिम सांस तक लड़ते रहे और शहीद हो गए. उसके बाद 1961 में पुलिस महानिरीक्षकों के सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मरण दिवस पूरे देश में मनाया जाएगा, तभी से यह परंपरा चली आ रही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details