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पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग के दौरान ही दी जाएगी FSL से जुड़ी जानकारियां, पूरी है तैयारी

राज्य सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि पुलिस की नौकरी में आने के तुरंत बाद आईपीएस से लेकर सब इंस्पेक्टर तक को प्रशिक्षण दिया जा सकेगा. इस दौरान उन्हें एफएसएल से जुड़ी जानकारी भी दी जाएगी. ताकि उन्हें अनुसंधान करने में किसी भी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़े.

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Published : Dec 31, 2020, 2:09 PM IST

पटनाःअनुसंधान की गुणवत्ता को बढ़ाने और बेहतर करने को लेकर पुलिस मुख्यालय की ओर से राजगीर स्थित बिहार पुलिस अकादमी में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला खोला गया है. ट्रेनिंग के दौरान प्रशिक्षु दारोगा और डीएसपी को राजगीर ट्रेनिंग सेंटर में ही अनुसंधान से जुड़े एफएसएल की जानकारियां दी जाएगी. ताकि उन्हें अनुसंधान करने में किसी भी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़े.

पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग के दौरान विधि विज्ञान प्रयोगशाला में आसपास के जिलों में हुए घटित वारदात की भी जांच की जाएगी. पुलिस अकादमी स्थित क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का काम सिर्फ ट्रेनिंग देना नहीं होगा. बल्कि नालंदा, नवादा, शेखपुरा और लखीसराय जिले में होने वाली घटनाओं से जुड़े जांच और जरूरत पड़ने पर स्थल निरीक्षण भी इस लैब के वैज्ञानिक द्वारा किया जाएगा.

पुलिस मुख्यालय

बिहार में बनाए गए हैं 3 क्षेत्रीय लैब
पुलिस मुख्यालय का मानना है कि राजगीर पुलिस एकेडमी में बने विधि विज्ञान प्रयोगशाला खुलने से पटना और भागलपुर स्थित लैब पर बोझ कम होगा. एडीजी जितेंद्र कुमार ने बताया कि सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय मे मुख्य फॉरेंसिक लैब के अलावा मुजफ्फरपुर, भागलपुर में दो क्षेत्रीय लैब पहले से कार्यरत हैं और अब क्षेत्रीय लैब की संख्या 3 हो गई है. जल्द ही एकेडमी से प्रयोगशाला के तरह पूरी तरह से काम करने लगेगा.

पुलिस एकेडमी में सहायक निर्देशक की होगी तैनाती
अब राज्य सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि पुलिस की नौकरी में आने के तुरंत बाद आईपीएस से लेकर सब इंस्पेक्टर तक को प्रशिक्षण दिया जा सकेगा. मिल रही जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा आदेश जारी करने के बाद वहां सहायक निर्देशक की तैनाती कर दी जाएगी.

जितेंद्र कुमार, एडीजी

राजगीर पुलिस एकेडमी में विधि विज्ञान प्रयोगशाला खोलने का मूल मकसद पुलिस अफसरों को प्रशिक्षण देना है. एकेडमी में नियुक्त आईपीएस ऑफिसर के साथ डीएसपी और सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों की ट्रेनिंग होती है. ट्रेनिंग के दौरान ही उन्हें फॉरेंसिक साइंस का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

देखें रिपोर्ट

दी जाएगी अनुसंधान की पूरी ट्रेनिंग
ट्रेनिंग के दौरान पुलिस अधिकारियों को फॉरेंसिक साइंस के अधीन अलग-अलग विभागों में होने वाले काम से अवगत कराया जाएगा. तथ्यों का संकलन किस तरह से होता है, इन्हें कैसे सुरक्षित रखा जाता है और फिर फाइल भेजने की प्रक्रिया क्या होती है इससे जुड़ी सभी तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी.

ड्यूटी पर तैनात पुलिस

पहले के दिनों में पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग के दौरान पटना स्थित फॉरेंसिक लैब में लाकर ट्रेनिंग दी जाती थी अब यह राजगीर में बन जाने से आसानी से ट्रेनिंग उन्हें ट्रेनिंग सेंटर में मिल पाएगी.

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