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पीएम के मन में क्या है? 6 जगह, 6 रैली, मोदी की जुबान पर चिराग नहीं

पीएम मोदी ने मुजफ्फरपुर में रैली को संबोधित करते हुए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका नामकरण कर हमला जरूर बोला. पीएम मोदी ने तेजस्वी को 'जंगलराज का युवराज' बताया और कहा कि अगर एनडीए की बिहार में सरकार नहीं बनेगी तो एक बार फिर जंगलराज की वापसी होगी.

pm modi
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Published : Oct 28, 2020, 4:20 PM IST

Updated : Oct 28, 2020, 5:16 PM IST

पटना: विधानसभा चुनाव को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी अब तक बिहार में 6 रैली कर चुके हैं. पीएम ने 23 अक्टूबर को 3 रैली की और 28 अक्टूबर को भी 3 सभाओं को संबोधित किया था. इन सभी रैलियों में एक कॉमन बात ये रही है कि मोदी ने किसी भी रैली में चिराग पासवान का नाम नहीं लिया और ना ही एलजेपी पर किसी तरह की टिप्पणी की. हालांकि मुजफ्फरपुर की रैली में एक नया नाम जरूर सुनने को मिला.

दरअसल, विधानसभा चुनाव में एलजेपी बिहार एनडीए से बाहर निकल गई. जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि एलजेपी खुलकर बीजेपी-जेडीयू का चुनाव में विरोध करेगी. चिराग पासवान जेडीयू का विरोध तो कर रहे हैं लेकिन अब भी बीजेपी से एकतरफा प्यार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि बिहार बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है, उसमें एलजेपी सहयोगी रहेगी.

चिराग पासवान के इस बयान के बाद हर कई यही सोच रहा है कि क्या एलजेपी बिहार में बीजेपी की 'बी टीम' के तौर पर कार्य कर रही है. इस सवाल का जवाब भी चिराग पासवान ने साफगोई से दिया था और कहा था कि जिसको जो समझना है समझें लेकिन हम बीजेपी के साथ हैं. चिराग ने यह भी कहा था कि वे पीएम मोदी के हनुमान हैं.

चिराग के इस बयान के बाद बीजेपी एलजेपी पर सियासी हमला करने लगी, ताकि लोगों में संदेश जाए कि बीजेपी का एलजेपी से कोई संबंध नहीं हैं लेकिन चिराग बार-बार यही कह रहे हैं कि बीजेपी के साथ थे, हैं और रहेंगे. इसमें किसी को किसी तरह का शक नहीं होना चाहिए.

चिराग के इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि पीएम मोदी जब अपनी चुनावी रैली को संबोधित करेंगे तो साफ कर देंगे कि एलजेपी एनडीए में है या नहीं. हालांकि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कई बार कह चुके हैं कि बिहार एनडीए का बीजेपी, जेडीयू, हम और वीआईपी ही सहयोगी हैं, इसके अलावे और कोई नहीं है.

इसके बावजूद माना जा रह था कि पीएम मोदी बिहार में जब चुनावी रैली को संबोधित करेंगे तो एलजेपी और चिराग पासवान के बारे में जरूर कुछ न कुछ कहेंगे लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हो सका. पीएम मोदी अब तक बिहार में 6 रैलियों को संबोधित कर चुके हैं, इन 6 रैली में एक बार भी चिराग पासवान या उनकी पार्टी का नाम तक नहीं लिया है. हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा है कि एनडीए का मतलब बीजेपी, जेडीयू, हम और वीआईपी है.

मोदी के मन में क्या है?
ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि पीएम मोदी चिराग या उनकी पार्टी पर सियासी हमला क्यों नहीं बोल रहे हैं? क्या किसी रणनीति के तहत पीएम मोदी चिराग का नाम नहीं ले रहे हैं या बात कुछ और है, जिसके कयास सियासी पंडित लगा रहे हैं.

नाम नहीं लिया लेकिन बोला हमला
पीएम मोदी ने मुजफ्फरपुर में रैली को संबोधित करते हुए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका नामकरण कर हमला जरूर बोला. पीएम मोदी ने तेजस्वी को 'जंगलराज का युवराज' बताया और कहा कि अगर एनडीए की बिहार में सरकार नहीं बनेगी तो एक बार फिर जंगलराज की वापसी होगी.

पीएम मोदी के बयान से साफ हो गया है कि बिहार में उनका विरोधी एक ही है, वो हैं तेजस्वी यादव. इनके अलावे एनडीए का दरवाजा सबके लिए खुला है. शायद यही कारण है कि 6 जगहों पर 6 चुनावी रैली में पीएम मोदी ने एक बार भी चिराग का नाम लिया. यानी कि 'हम आपके हैं कौन' के साथ ही 'साथ-साथ' का भी संदेश.

Last Updated : Oct 28, 2020, 5:16 PM IST

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