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PM मोदी ने की नल जल योजन की तारीफ, कहा- 'बिहार में आज 90% घरों तक पहुंच रहा नल से शुद्ध पानी'

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Published : Jan 23, 2022, 11:40 AM IST

पीएम नरेंद्र मोदी ने कई जिलों के जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात (PM Modi interacting with DM of various Districts) की. उन्होंने बिहार की नल जल योजना की तारीफ करते हुए कहा कि 'बिहार में जहां 30 प्रतिशत पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध था, आज वहां 90 प्रतिशत घरों तक नल से शुद्ध पानी पहुंच रहा है.'

पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली/पटना:वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिएपीएम नरेंद्र मोदी ने विभिन्न जिलों के डीएम (Pm modi meeting with DMs) से बातचीत की. इसमे मुख्यमंत्री और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे. विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों के साथ संवाद में उन्होंने जिलों में केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने (PM Modi praises Bihar Nal Jal Yojana) कहा कि बिहार में जहां 30 प्रतिशत पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध था, आज वहां 90 प्रतिशत घरों तक नल से शुद्ध पानी पहुंच रहा है. जनभागीदारी से ही बेहतर रिजल्ट आते हैं.

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पीएम मोदी (PM Modi video conferencing with DMs) ने कहा, ' जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए, तो फिर वो कर्तव्य पथ इतिहास रचता है. आज हम देश के आकांक्षी जिलों में यही इतिहास बनते हुए देख रहे हैं.' आज आकांक्षी जिले देश के आगे बढ़ने के अवरोध को समाप्त कर रहे हैं. आप सबके प्रयासों से आकांक्षी जिले आज गतिरोधक के बजाय गतिवर्धक बन रहे हैं. जो ज़िले पहले कभी तेज प्रगति करने वाले माने जाते थे, आज कई पैमानों में ये आकांक्षी ज़िले भी अच्छा काम करके दिखा रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'डिजिटल इंडिया के रूप में देश एक silent revolution का साक्षी बन रहा है.

हमारा कोई भी जिला इसमें पीछे नहीं छूटना चाहिए. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे हर गांव तक पहुंचे, सेवाओं और सुविधाओं की डोर स्टेप डिलिवरी का जरिया बने, ये बहुत जरूरी है. दूसरी अप्रोच रही कि आकांक्षी जिलों के अनुभवों के आधार पर हमने कार्यशैली में निरंतर सुधार किया. हमने काम का ऐसा तरीका तय किया जिसमें Measurable indicators का selection हो. आकांक्षी जिलों में देश की पहली अप्रोच रही कि इन जिलों की मूलभूत समस्याओं को पहचानने पर खास काम किया गया. इसके लिए लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में सीधे पूछा गया, उनसे जुड़ा गया. आकांक्षी जिलों में जो लोग रहते हैं, उनमें आगे बढ़ने की तड़प होती है. इन लोगों ने अपने जीवन का अधिकतर समय अभावों में, मुश्किलों में गुजारा है. हर छोटी-छोटी चीजों के लिए उन्होंने परिश्रम किया है. इसलिए वो लोग साहस दिखाने के लिए, रिस्क उठाने के लिए तैयार होते हैं.

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एक दूसरे का सहयोग करते हुए, एक दूसरे से Best Practices शेयर करते हुए, एक दूसरे से सीखते हुए, एक दूसरे को सीखाते हुए जो कार्यशैली विकसित होती है,वो Good governance की बहुत बड़ी पूंजी है. आकांक्षी जिलों में जो काम हुआ है वो बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों के लिए अध्ययन का विषय है. पिछले 4 सालों में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में जन-धन खातों में 4 से 5 गुना की वृद्धि हुई है. लगभग हर परिवार को शौचालय मिला है, हर गाँव तक बिजली पहुंची है. उन्होंने कहा, 'कई जिलों में कुपोषण को दूर भगाया है. सुकमा में 90 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हुआ. पिछड़े जिलों पर हमारी सरकार ने ध्यान दिया. एक जिले की सफलता से दूसरे जिले को सीखना चाहिए. तकनीकी रूप से जिलों में बेहतर काम हो रहे हैं. गांव- गांव बिजली शौचालय पहुंची है. '

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