पटना: बिहार में सुशासन का प्रचार तो खूब किया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक इसके विपरित है. ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, बिहार में साक्षरता दर देश में सबसे कम (61.8 प्रतिशत) है. ऐसा क्यों है?. इसे समझना है, तो बिहार के मसौढी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय की जर्जर भवन को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है. सोमवार को पढ़ाई के दौरान छत का प्लास्टर गिर गया. इस दौरान स्कूल में पढ़ रहे बच्चे बाल-बाल बच गए.
ये भी पढ़ें: इस स्कूल में बोरा पर बैठकर बच्चे करते हैं पढ़ाई, भवन भी जर्जर और बदहाल
मसौढ़ी में स्कूल की छत का प्लास्टर गिरा :बताया जाता है कि सोमवार सुबह पढ़ाई के दौरान विद्यालय के छत का प्लास्टर गिर गया. इस हादसे में कोई बच्चा घायल तो नहीं हुआ, लेकिन बड़ा हादसा हो सकता था. छत का प्लास्टर गिरने से स्कूल में अफरातफरी मच गई. क्लास में बैठे बच्चें और शिक्षक बाल-बाल बच गए. इस घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है. लोग स्कूल के निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठा रहे हैं.
मसौढ़ी का जर्जर सरकारी स्कूल 'भवन जर्जर, डर से बच्चे स्कूल नहीं आते' : राजकीय प्राथमिक विद्यालय सीरीपर की प्रभारी अंजू सिन्हा ने बताया कि पिछले कई वर्षों से पूरा भवन जर्जर हो चुका है. इसकी लिखित सूचना वरीय पदाधिकारी को दी गई है. अगर जल्द ही स्कूल भवन का मरम्मत नहीं किया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. स्कूल प्रभारी ने बताया कि स्कूल जर्जर होने के कारण कई बच्चे स्कूल नहीं आते हैं. ऐसे में बच्चों की उपस्थिति भी बहुत कम हो चुकी है.
मसौढ़ी प्रखंड का सीरीपर प्राथमिक विद्यालय ''शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन दिया गया है. लेकिन, अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. स्कूल भवन पूरी तरह से जर्जर है. इस वजह से छात्र, छात्राएं और शिक्षक दहशत में है. जल्द ही राजकीय प्राथमिक विद्यालय सीरीपर को किसी दूसरे विद्यालय में मर्ज करा दिया जाए.''- अंजू सिन्हा, प्रभारी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय सीरीपर
राजकीय प्राथमिक विद्यालय सीरीपर क्या बोले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी :वहीं ईटीवी भारत संवाददाता ने जब राजकीय प्राथमिक विद्यालय सीरीपर के जर्जर भवन को लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजेंद्र ठाकुर से बात की तो उन्होंने कहा कि, यह मामला संज्ञान में आया है, जल्द ही स्कूल को किसी नजदीकी विद्यालय में मर्ज कर दिया जाएगा.
स्कूल की छत का प्लास्टर गिरा