पटना: स्थानीय निकाय या नगरपालिका में वार्ड सदस्यों समेत अन्य पदों के लिए राज्य में होने जा रहे चुनाव में आचार संहिता लागू करने के लिए एक जनहित याचिका पटना हाईकोर्ट(PIL in Patna High Court ) में दायर की गई है. ये जनहित याचिका शम्भू सिद्धार्थ ने दायर किया है. इस जनहित याचिका में सरकार, मंत्रियों, विधानसभा व विधान परिषद के सदस्यों समेत अधिकारियों द्वारा सत्ताधारी महागठबंधन से जुड़े उमीदवारों को फायदा पहुंचाने हेतु सत्ता का दुरुपयोग किये जाने की अनुमति नहीं देने की मांग की गई है.
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क्या है याचिकाकर्ता का आरोप? :याचिकाकर्ता के वरीय अधिवक्ता एसडी संजय ने बताया कि जनहित याचिका में ये आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार द्वारा सत्ता का दुरुपयोग करते हुए विभिन्न प्रकार के योजनाओं का उदघाटन किया जा रहा है. साथ ही स्थानीय निकाय के चुनाव (Bihar Municipal corporation Election) की घोषणा के बाद भी आचार संहिता का उल्लंघन कर खास वर्ग के लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए योजनाओं की घोषणा और प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.
'निकाय चुनाव में आचार संहिता का उल्लंघन': राजगीर में 27 नवंबर 2022 को गंगा वाटर सप्लाई स्कीम योजना का उद्घाटन, राजकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल का नालंदा जिला में 12 दिसंबर, 2022 को उद्घाटन किया गया. साथ ही, 13 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र वितरण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम कथित रूप से आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए आयोजित किया गया.
'सीएम नीतीश और तेजस्वी पर दर्ज हो प्राथमिकी': इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया गया है. याचिकाकर्ता के वरीय अधिवक्ता एस डी संजय का यह भी कहना है कि एक ओर आदर्श अचार संहिता का पालन करवाने के लिए टीम का गठन किया गया है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री द्वारा इसका उल्लंघन किया जा रहा है. राज्य चुनाव आयोग आंख बंद करके बैठा हुआ है और आयोग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.