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'चमकी' से मौत पर हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज

बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार से अब तक 157 बच्चों की मौत हो चुकी है. इसे लेकर सिविल कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की जा चुकी है.

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Published : Jun 19, 2019, 2:29 PM IST

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पटनाःसूबे के मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों में चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौत पर पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. यह याचिका मुजफ्फरपुर के अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दायर की है.

राज्य सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज
दायर याचिका में कहा गया है कि बच्चों की चमकी बुखार से राज्य में बड़े पैमाने पर मौत होने बाद भी राज्य सरकार ने प्रभावी कदम उठाने की कार्रवाई नहीं की है. बच्चे बीमारी से मर रहे हैं और अस्पताल में सुविधाओं की कमी है. वहीं, मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में भी चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में याचिका दायर की गई थी.

अस्पताल में बीमार बच्चे

मंत्रियों के खिलाफ याचिका दायर
ये याचिका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन , केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्वनी चौबे, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के विरूद्ध दायर की गई है. कोर्ट ने परिवादी के परिवाद को स्वीकार कर लिया है. याचिका पर सुनवाई 27 जून 2019 को होगी.

सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल
मालूम हो कि बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. ये याचिका दो वकील मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी ने की है. जिसकी सुनवाई 24 जून को होगी.

अब तक 157 बच्चों की मौत
बता दें कि बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार का कहर जारी है. इस बीमारी से अब तक 157 बच्चों की मौत हो चुकी है. चमकी बुखार से हो रही मौत का मुद्दा देश भर में उठ रहा है. इस मामले में राज्य सरकार के जरिए दी जा रही सुवाधिओं पर भी चर्चा हो रही है. वहीं विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमालावर हो गई है.

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